ये भी पढ़ें- विकास दुबे के भाई ने पुलिस को दिया चकमा, कोर्ट से हुआ फरार नहीं होगा गुंबद- डिजाइन की तस्वीर में देखा जा सकता है कि इसमें कोई गोल गुंबद नहीं, बल्कि यह काफी मॉडर्न और खूबसूरत है। इसका आकार खाड़ी देशों की मस्जिदों की तरह होगा। साथ ही तस्वीर में दिखाई दे रहे चोकोर परिसर में म्यूजियम, अस्पताल, लाइब्रेरी और कम्यूनिटी किचन बनाया जाएगा। यह दो मंजिला होगी। ट्रस्ट ने बताया कि परिसर में जो मजार मौजूद है, उसके साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
ये भी पढ़ें- इन दस नवनियुक्त राज्यसभा सदस्यों को हाईकोर्ट का नोटिस, यह है मामला मस्जिद में पुराने जैसा कुछ नहीं- दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के आर्किटेक्चर डिपार्टमेंट के डीन प्रोफेसर एसएम अख्तर ने बताया कि यह मस्जिद न केवल धार्मिक बल्कि मानवता की सेवा का प्रतीक होगा। इसलिए इसमें बनने वाले अस्पताल व पुस्तकालय पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। मस्जिद डिजाइन के बारे में उन्होंने बताया कि इसका डिजाइन कॉंटेंपोरेरी होगा। इस मस्जिद में कुछ भी पुराना देखने को नहीं मिलेगा। बल्कि यह भविष्य को दर्शाती मस्जिद होगी। इसमें इस्तेमाल होने वाली तकनीक से लेकर सामान तक सब नया होगा। यही इसकी खासियत होगी। विशाल मस्जिद में सोलर पावर प्लांट भी लगाया जाएगा। इसमें एक समय में दो हजार लोगों के नमाज पढ़ने का इंतजाम होगा। दिन में दो समय यहां जरूरतमंदों को भोजन करवाया जाएगा।
सबसे पहले होगी सॉएल टेस्टिंग, 3500 स्क्वायर मीटर में बनेगी मस्जिद- फाउंडेशन की बैठक में तय हुआ कि साइट पर सबसे पहले सॉइल की टेस्टिंग होगी। इसके बाद मस्जिद का नक्शा पास कराया जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद ही निर्माण शुरू होगा। मस्जिद, हॉस्पिटल, म्यूजियम सबकी नींव एक साथ ही रखी जाएगी। एमएस अख्तर ने बताया कि मस्जिद 3500 स्क्वायर मीटर में बनेगी और यह दो फ्लोर की बनाई जाएगी। इसमें महिलाओं के लिए अलग स्पेस होगा। मस्जिद छह महीने में तैयार हो सकती है।
अस्पताल 24,150 स्क्वायर मीटर में-
उन्होंने बताया कि अस्पताल को 24,150 स्क्वायर मीटर में बनाया जाएगा। ट्रस्ट के मुताबिक, यह अस्पताल चार फ्लोर का होगा और इसमें कम से कम 200 बेड होंगे। यह चैरिटी मॉडल पर काम करेगा। अभी इसके लिए चंदा जुटाना शुरू नहीं किया गया है। हालांकि, मस्जिद के बैंक अकाउंट का ब्योरा सार्वजनिक किया जा चुका है। लोग इसके जरिए मदद कर सकते हैं। इसे बनाने में साल भर का वक्त लग सकता है और करीब 100 करोड़ रुपए का खर्च आ सकता है।