सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन का हक रामजन्मभूमि न्यास को दिया है, जबकि मुस्लिम पक्ष यानी सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही दूसरी जगह जमीन देने का आदेश दिया है। न्यायालय ने कहा कि हिन्दू विवादित भूमि को भगवान राम का जन्म स्थान मानते हैं और मुस्लिम भी इस स्थान के बारे में यही कहते हैं। हिन्दुओं की यह आस्था अविवादित है कि भगवान राम का जन्मस्थल ध्वस्त संरचना है। पीठ ने कहा कि सीता रसोई, राम चबूतरा और भंडार गृह की उपस्थिति इस स्थान के धार्मिक होने के तथ्यों की गवाही देती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अयोध्या में विवादित स्थल के नीचे बनी संरचना इस्लामिक नहीं थी, लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने यह साबित नहीं किया कि मस्जिद के निर्माण के लिये मंदिर गिराया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष जमीन पर दावा साबित करने में नाकाम रहा। मुसलमानों को मस्जिद के लिए अयोध्या में दूसरी जगह पर मिलेगी पांच एकड़ जमीन। मुस्लिम पक्ष यह सिद्ध नहीं कर पाया कि उनके पास जमीन का मालिकाना हक था। कहा कि मुख्य ढांचा इस्लामी संरचना नहीं थी। बाबरी मस्जिद मीर बाकी द्वारा बनवाई गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अखाड़े का दावा लिमिटेशन से बाहर है। शिया वक्फ बोर्ड को झटका
सुप्रीम कोर्ट ने 1946 के फैजाबाद कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली शिया वक्फ बोर्ड की सिंगल लीव पिटिशन (SLP) को भी खारिज कर दिया गया है।
जानिए उन वकीलों के बारे में जिनकी जिरह के बाद हुआ फैसला, क्या थी किसकी दलील
एसआइ की रिपोर्ट बनी फैसले का आधार
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर फैसले के दौरान कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) संदेह से परे है। इसके अध्ययन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। एएसआई में हिंदू मंदिर होने के साक्ष्य हैं। खुदाई में मिला ढांचा गैर इस्लामिक था। संविधान पीठ ने कहा कि पुरातात्विक साक्ष्यों को सिर्फ एक राय बताना भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के प्रति बहुत ही अन्याय होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन का अधिकार हिंदू पक्ष को दे दिया है। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाया जाए, जो मंदिर निर्माण का काम देखे। यानी कोर्ट का फैसला राम मंदिर के पक्ष में गया है और अब केंद्र सरकार को आगे की रूपरेखा तय करनी है।
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट से निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड को बड़ा झटका, अयोध्या में ही बनेगी मस्जिद
कानूनी आधार पर फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार के आधार पर जमीन का मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता है। फैसला कानून के आधार पर ही लिया गया है। पांच जजों की पीठ ने सुनाया फैसला
अयोध्या विवाद पर पांच जजों की विशेष पीठ ने फैसला सुनाया। इनमें मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़,न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल रहे।