लखनऊ

अयोध्या ढांचा विध्वंस मामलाः सीबीआई कोर्ट ने आरोपितों की गवाही के लिए 4 जून की तारीख की तय

अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले में गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जरिए आरोपितों की गवाही दर्ज करने के लिए सीबीआई ने अब 4 जून की तारीख तय की है।

लखनऊMay 28, 2020 / 10:06 pm

Abhishek Gupta

CBI

लखनऊ. अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले में गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जरिए आरोपितों की गवाही दर्ज करने के लिए सीबीआई ने अब 4 जून की तारीख तय की है। सीबीआई की विशेष अदालत ने अयोध्या प्रकरण में आरोपियों के वकील की तरफ कोर्ट में पेश होने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा गया। कोर्ट ने अर्जी को मंजूर करते हुए 4 जून की तारीख तय कर दी है।
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सुप्रीम कोर्ट ने माना मंदिर, तो मस्जिद विध्वंस का आरोप गलत – डॉ. वेदांती

अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस के आरोपित व पूर्व भाजपा सांसद डॉ. राम विलास वेदांती ने कहा कि मैं पहले से कहता आ रहा हूं कि, हां हमनें ढांचे को तोड़ा, लेकिन मस्जिद नहीं बल्कि मंदिर के खंडहर को तोड़ा था। नए भव्य मंदिर के निर्माण के लिए इसे ध्वस्त किया। कारण हमारे हिंदू समाज में परम्परा है कि भव्य भवन के निर्माण के पहले उस स्थान पर के जर्जर भवन को गिरा कर साफ करते हैं। हमने वही किया।
डॉ. वेदांती ने सवाल करते हुए कहा कि जब वहां मस्जिद का अस्तित्व ही नहीं था तो उसे तोड़ने का अपराध कैसा? साधु संतों व मंदिर समर्थकों पर साजिश के तौर पर तत्कालीन सरकार ने केस बनवाया था, जो सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर के पक्ष में आए फैसले के बाद समाप्त हो जाना चाहिए। वेदांती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जब विवादित स्थल को राम मंदिर मान कर फैसला सुना दिया तो सीबीआई कोर्ट में ढांचा विध्वंस का मुकदमा चलने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले भी उस स्थल से मंदिर के पुरावशेष मिले तो बाबरी मस्जिद के पक्षकारों ने आरोप लगाया था कि विहिप ने इसे रखवा दिया। उसके बाद हाईकोर्ट ने विवादित स्थल की जब खुदाई करवाई तो सारे पुरावशेष मंदिर के निकले। मस्जिद का कोई चिन्ह नहीं निकले। इसके आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया।
इन लोगों को देनी है गवाही-

अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले में आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 32 आरोपितों की गवाही दर्ज होनी थी। इनमें भाजपा नेता व पूर्व गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती और पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी शामिल हैं। लखनऊ सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने 28 मई को गवाही की तारीख तय की थी। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीती 8 मई को हर हाल में 31 अगस्त तक सुनवाई पूरी करने और फैसला सुनाने का आदेश दिया था।
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यह था मामला-

अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले में 6 दिसंबर 1992 को थाना राम जन्मभूमि में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। सीबाआई ने इस मामले की जांच करते हुए 49 आरोपितों के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोपितों में से 17 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार, राम विलास वेदांती, चंपत राम बंसल एवं महंत नृत्य गोपाल दास समेत 32 आरोपितों की बचे हैं, जिनकी आज गवाही होनी है।

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