धार्मिक स्थल
धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। हरिद्वार का कुंभ मेला इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। यहां बड़ी संख्या में भक्तों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों में प्रवेश के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है। इसके तहत मंदिरों में के साथ पांच लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है।
धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। हरिद्वार का कुंभ मेला इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। यहां बड़ी संख्या में भक्तों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों में प्रवेश के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है। इसके तहत मंदिरों में के साथ पांच लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है।
रेलवे स्टेशन और बस अड्डे
लॉकडाउन की आशंका के चलते दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूरों की वापसी शुरू हो गई है। इसके चलते रेलवे स्टेशनों पर और बस अड्डों पर भारी भीड़ उमड़ रही है। रेलवे स्टेशनों पर भी आने-जाने वाले यात्रियों की कोरोना जांच की जा रही है। यात्री सैंपल देकर निकल जा रहे हैं। ऐसे में अगर किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उसकी उसकी ट्रेसिंग काफी मुश्किल होगी। रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर भी लोगों की लापरवाही की कई तस्वीरें सामने आती रही हैं।
लॉकडाउन की आशंका के चलते दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूरों की वापसी शुरू हो गई है। इसके चलते रेलवे स्टेशनों पर और बस अड्डों पर भारी भीड़ उमड़ रही है। रेलवे स्टेशनों पर भी आने-जाने वाले यात्रियों की कोरोना जांच की जा रही है। यात्री सैंपल देकर निकल जा रहे हैं। ऐसे में अगर किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उसकी उसकी ट्रेसिंग काफी मुश्किल होगी। रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर भी लोगों की लापरवाही की कई तस्वीरें सामने आती रही हैं।
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बाजार
बाजारों में भीड न जमा हो और लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें, प्रशासन ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की है। कई बाजार बंद हैं, लेकिन वीकली बाजारों में अभी भी उमड़ती भारी भीड़, संक्रमण का खतरा बढ़ा रही है। यहां अधिकांश लोग न तो मास्क लगाते हैं और न ही कोविड गाइडलाइन को मानते हैं। ऐसे में यह कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है।
मॉल और सिनेमा हॉल
मॉल और सिनेमा हॉल्स के लिए भी कोरोना गाइडलाइन फॉलो करना अनिवार्य है, बावजूद यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल नहीं रखा जाता। यहां मुख्य गेट पर भले ही चेकिंग और थर्मल स्कैनिंग की जाती है, लेकिन अंदर पहुंचते ही ज्यादातर लोगों के मास्क नाक से हटकर ठोढ़ी पर आ जाते हैं। कई बार सोशल डिस्टेंसिंग भी तार-तार होती दिखती है।
मॉल और सिनेमा हॉल्स के लिए भी कोरोना गाइडलाइन फॉलो करना अनिवार्य है, बावजूद यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल नहीं रखा जाता। यहां मुख्य गेट पर भले ही चेकिंग और थर्मल स्कैनिंग की जाती है, लेकिन अंदर पहुंचते ही ज्यादातर लोगों के मास्क नाक से हटकर ठोढ़ी पर आ जाते हैं। कई बार सोशल डिस्टेंसिंग भी तार-तार होती दिखती है।
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मेट्रो ट्रेन
मेट्रो से यात्रा वैसे तो सबसे सेफ है। क्योंकि यहां सैनेटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाता है। शुरुआत में तो यह सब बड़ी सख्ती से लागू हुआ, लेकिन पहली लहर के बाद जैसे-जैसे मामले कम हुए, नियमों के साथ लोग भी शिथिल होते गये। नोएडा और गाजियाबाद के कई मेट्रो स्टेशनों पर उमड़ती भीड़ कोविड नियमों को दरकिनार कर रहे हैं।
ध्यान रखें
कोरोना महामारी के बीच घर से निकलने से बचें। बहुत जरूरी होने पर ही निकलें और जब भी निकलें पूरी तरह से कोविड गाइडलाइन को फॉलो करें। ध्यान रखें कि लोगों से दूर रहें और प्रॉपर वे में ही मास्क पहनें।
कोरोना महामारी के बीच घर से निकलने से बचें। बहुत जरूरी होने पर ही निकलें और जब भी निकलें पूरी तरह से कोविड गाइडलाइन को फॉलो करें। ध्यान रखें कि लोगों से दूर रहें और प्रॉपर वे में ही मास्क पहनें।