लखनऊ

असद ने मो. मुस्लिम को रास्ते चलते किया था अगवा, बरामदे पर लटकाते हुए जान से मारने की देता था धमकी

मो. मुस्लिम से पिछले 17 वर्षों से अतीक वसूल रहा था रंगदारी। पैर पकड़ने और हाथ जोड़ने पर दिया था 2 दिन का टाइम, उसके बाद जान से मारने की थी धमकी।
 
 

लखनऊApr 28, 2023 / 01:55 pm

Kirti Soni

साल 1979 में महज 17 साल के उम्र में अतीक पर प्रयागराज में हत्या का पहला आरोप लगा था।

माफिया अतीक अहमद और उसके परिवार से जुड़े लोगों के आए दिन खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में अतीक के परिवार की मुश्किलें बढ़ते दिखाई दे रही हैं। माफिया अतीक अहमद मारने की धमकी दे कर लखनऊ के बिल्डर मो. मुस्लिम से रंगदारी वसूल रहा था।
यह आरोप खुद बिल्डर ने उस तहरीर में लगाए हैं, जिसके आधार पर एक दिन पहले अतीक के बेटों उमर, अली समेत छह लोगों पर रिपोर्ट दर्ज हुई है।यह भी बताया गया है कि जनवरी से अतीक का बेटा असद कई बार अज्ञात लोगों संग उसके लखनऊ स्थित फ्लैट पर आकर गाली-गलौज व धमकी देकर रंगदारी मांगने आता था।
बिल्डर ने लगाए अन्य आरोप, खौफ में छोड़ दिया था घर
खुल्दाबाद थाने में दर्ज एफआईआर में बिल्डर ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि 2006 में उसने प्लॉटिंग और भवन निर्माण का काम शुरू किया था। इसके बाद से ही अतीक, अशरफ व उनके साथी आए दिन धमकी देने व रंगदारी मांगने लगे थे। उनके खौफ से ही वह लखनऊ चला गया। लेकिन माफिया व उसके गुंडे लगातार उससे रंगदारी वसूलते रहेन थे। इसके साथ बिल्डर ने कई अन्य आरोप भी लगाए हैं।
पुलिस ने शुरू की जांच, अतीक के बेटों को भेजे गए थे पैसे
बताया है कि आरोपी उसे रास्ते से अगवा कर चकिया स्थित अतीक के कार्यालय में ले गए। फिर वहां बेल्ट से बांधकर बरामदे पर लटकाते हुए जान से मारने की धमकी दी। कहा कि हर प्लॉट में उन्हें हिस्सा देना होगा। हाथ-पैर जोड़ने पर दो दिन का वक्त दिया। इसके बाद उसने गुर्गे असाद कालिया के हाथों अतीक के बेटों को 1.20 करोड़ रुपये भिजवाए। इंस्पेक्टर खुल्दाबाद अनुराग शर्मा ने बताया कि जाँच शुरू कर दी गई है।
अतीक का दबदबा
साल 1979 में महज 17 साल के उम्र में अतीक पर प्रयागराज में हत्या का पहला आरोप लगा था। इसके बाद जल्द ही वह यूपी में कई गैंगस्टरों का गैंग चलाने लगा था।
दबदबा धीरे-धीरे आसपास के इलाकों में फैलने लगा। साल 1989 की बात है जब अतीक अहमद के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी शौकत इलाही को पुलिस मुठभेड़ में मार दिया गया. इसके बाद अतीक अंडरवल्र्ड का निर्विवाद बादशाह बन गया.
अतीक पर मदरसा के कुछ छात्राओं के सामूहिक बलात्कार में कथित रूप से शामिल अपने आदमियों को बचाने का आरोप लगाया गया था. इससे आक्रोश में समाजवादी पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया।
जेल से चलाता था अपना साम्राज्य
अतीक को उसके गढ़ इलाहाबाद से राज्य की देवरिया जेल ले जाया गया. देवरिया जेल में एक व्यापारी मोहित जायसवाल का अपहरण कराकर जेल में बुलाया. उससे संपत्ति के कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवाए गए और बेरहमी से पिटाई भी की. इसके बाद अतीक को बरेली जेल ले जाया गया लेकिन जेल अधीक्षक डर गए और उसे वहां नहीं रखना चाहते थे.
अप्रैल 2019 में कड़ी सख्ती के बीच योगी सरकार ने अतीक को प्रयागराज की नैनी जेल में शिफ्ट कर दिया. इस समय तक सुप्रीम कोर्ट ने देवरिया जेल मामले में अपना फैसला सुना दिया और अतीक को गुजरात के साबरमती जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया।

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