योगी व मोदी का भी किया जिक्र अपनी पोस्ट में असीम अरुण ने लिखा कि मैं अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि योगी आदित्यानाथ ने मुझे भाजपा की सदस्यता के योग्या समझा। अपनी पोस्ट में असीम अरुण ने अपने प्रयासों से प्रधानमंत्री मोदी की पहल को सार्थक बनाने की बात भी कही है। असीम की पोस्ट से स्पष्ट हो गया है कि उन्होंने भाजपा की सदस्याता ग्रहण कर ली है। चर्चाएं हैं कि असीम अरुण को भाजपा की ओर से पार्टी ज्वाइन करने का ऑफर आया था जिसके बाद परिवार की राय से असीम अरुण ने वीआरएस लेने का फैसला लिया है। अब असीम अरुण राजनीति में नजर आएंगे।
यूपी में काफी लोकप्रिय हैं आईपीएस असीम अरुण असीम अरुण यूपी कैटर के शानदार व लोकप्रिय आइपीएस अधिकारी हैं वर्तमान में ये कानपुर कमिश्नर के पद पर कार्यरत थे। इससे पहले असीम अरुण एडीजी डायल 112 की जिम्मेदारी संभाव रहे थे। कोरोना महामारी के दौरान एडीजी डायल 112 के तौर पर असीम अरुण ने शानदार काम किया। इनके मैनेजमेंट को लेकर पूरे प्रदेश में डायल 112 के कार्यों की प्रशंसा हुई। डायल 112 से पहले असीम अरुण एटीएस के चीफ के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
असीम अरुण के पिता भी थे आईपीएस यूपी के शानदार पुलिस ऑफिसर में शामिल असीम अरुण का जन्म 3 अक्टूबर 1970 को उत्तर प्रदेश के बदायू जिले में हुआ था। असीम अरुण के पिता अरुण भी एक आईपीएस अधिकारी थे। असीम अरुण की माता जी शशि अरुण एक जानीमानी लेखिका और समाज सेविका हैं। असीम का लखनऊ से गहरा नाता है। असीम अरुण की प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के सेंट फ्रांसिस स्कूल में हुई है जिसके बाद असीम अरुण उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली चले गए। 90 के दशक में असीम अरुण आईपीएस की सेवा में आए। आईपीएस अरुण 1994 बैच के आईपीएस हैं। असीम अरुण को अपने बैच के सबसे होनहार अफसर के तौर पर जाना जाता है। आईपीएस की सेवा में आने के बाद असीम अरुण कई जिलों के कप्तान के तौर पर तैनात रहे हैं। जिसके बाद वो छुट्टी लेकर विदेश शिक्षा के लिए चले गए। विदेश से वापस आने पर असीम अरुण ने दोबारा से पुलिस सेवा ज्वाइन की ओर एटीएस में सेवाएं दी।