लखनऊ

ज्ञानवापी, मथुरा ईदगाह मामले पर अरशद मदनी बोले- हम हमारे पवित्र स्थलों को कैसे दे दें, हमारा है मुल्क और कोर्ट

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मुसलमानों को इन मस्जिदों पर दावा नहीं छोड़ना चाहिए और आखिर तक कानूनी लड़ाई कोर्ट में लड़नी चाहिए।

लखनऊDec 20, 2023 / 03:16 pm

Anand Shukla

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट आदेश देगा तो हम स्वागत करेंगे।

ज्ञानवापी और मथुरा स्थित शाही ईदगाह को लेकर कोर्ट में केस चल रहा है। मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी कोर्ट को निर्देश दिया है कि वो 6 महीने में मामले की सुनवाई पूरी करे। वहीं, 15 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित शाही ईदगाह का सर्वेक्षण कराने के लिए फैसला सुनाया था। अब इस मसले पर मौलाना अरशद मदनी का बयान आया है।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मुल्क हमारा है और सुप्रीम कोर्ट हमारा है। हम हमारे पवित्र स्थलों को कैसे दे दें? सुप्रीम कोर्ट जो फैसला सुनाएगी, वह मानेंगे। मौलाना मदनी ने कहा कि जब तक 1991 के पूजास्थल अधिनियम है, तब तक इस तरह के निर्णय ठीक नहीं हैं। ऐसे में इस कानून को खत्म कर दें और फिर जो चाहें वो करें।
6 महीने में पूरी होगी सुनवाई
बता दें कि 19 दिसंबर को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर के बीच स्वामित्व को लेकर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिकाएं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दीं हैं। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में 1991 के मुकदमें के ट्रायल को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने वाराणसी कोर्ट को निर्देश दिया है कि वो 6 महीने में मामले की सुनवाई पूरी करे। इसके अलावा 15 दिसंबर को हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित ईदगाह का सर्वेक्षण करने का फैसला सुनाया था। इस फैसले से हिंदू पक्ष की जीत मानी जा रही है।
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