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इसके तुरंद बाद ही यूपीसरकार की ओर से एक पत्र में सभी डीएम से इसका पूरा विवरण मांगा गया था। इस कड़ी में राज्य के अवर सचिव (गृह विभाग) प्रकाश चंद्र अग्रवाल द्वारा हस्ताक्षरित यह पत्र 18 अगस्त को जारी किया गया था। 21 अगस्त तक सभी जिलाधिकारियों को इससे जुड़ी जानकारी देनी थी। लेकिन तारीख निकल गई और कहीं से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। वहीं पत्र के बारे में प्रकाश चंद्र अग्रवाल ने कोई जवाब नहीं दिया। इस बारे में विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब इस जानकारी को पूरी तरह से रोक ही दिया गया है। कहने का लब्बोलुआब यह है कि सरकार ने खुद ही आदेश जारी और खुद ही पीछे भी हट गए।
इसके तुरंद बाद ही यूपीसरकार की ओर से एक पत्र में सभी डीएम से इसका पूरा विवरण मांगा गया था। इस कड़ी में राज्य के अवर सचिव (गृह विभाग) प्रकाश चंद्र अग्रवाल द्वारा हस्ताक्षरित यह पत्र 18 अगस्त को जारी किया गया था। 21 अगस्त तक सभी जिलाधिकारियों को इससे जुड़ी जानकारी देनी थी। लेकिन तारीख निकल गई और कहीं से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। वहीं पत्र के बारे में प्रकाश चंद्र अग्रवाल ने कोई जवाब नहीं दिया। इस बारे में विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब इस जानकारी को पूरी तरह से रोक ही दिया गया है। कहने का लब्बोलुआब यह है कि सरकार ने खुद ही आदेश जारी और खुद ही पीछे भी हट गए।
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बता दें कि सुल्तानपुर के लम्भुआ से बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी ने 16 अगस्त को यूपी विधानसभा के प्रधान सचिव को सवाल उठाते हुए एक नोट भेजा था। इस नोट में गृह विभाग से 7 प्रश्नों के जवाब मांगे गए थे। जैसे पिछले तीन सालों में कितने ब्राह्मणों की हत्या हुई? कितने हत्यारे गिरफ्तार हुए? कितने आरोपियों को सजा हुई? ब्राह्मणों को सुरक्षा देने के लिए सरकार की क्या योजना है? क्या सरकार ब्राह्मणों को शास्त्र लाइसेंस प्रदान करेगी? कितने ब्राह्मणों ने शास्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया है? और उनमें से कितनों को लाइसेंस जारी किया गया है? वहीं सरकार की तरफ से जब सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया तो उसमें यह भी सूचना मांगी गई कि कितने ब्राह्मणों ने नए शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया है और कितनों को लाइसेंस जारी हुआ ? इस संबंध में बिंदुवार अख्य एवं अनुपूरक सामग्री शासन को 21.08.20 तक ई-मेल पर उपलब्ध कराने के लिए बोला गया था।
बता दें कि सुल्तानपुर के लम्भुआ से बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी ने 16 अगस्त को यूपी विधानसभा के प्रधान सचिव को सवाल उठाते हुए एक नोट भेजा था। इस नोट में गृह विभाग से 7 प्रश्नों के जवाब मांगे गए थे। जैसे पिछले तीन सालों में कितने ब्राह्मणों की हत्या हुई? कितने हत्यारे गिरफ्तार हुए? कितने आरोपियों को सजा हुई? ब्राह्मणों को सुरक्षा देने के लिए सरकार की क्या योजना है? क्या सरकार ब्राह्मणों को शास्त्र लाइसेंस प्रदान करेगी? कितने ब्राह्मणों ने शास्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया है? और उनमें से कितनों को लाइसेंस जारी किया गया है? वहीं सरकार की तरफ से जब सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया तो उसमें यह भी सूचना मांगी गई कि कितने ब्राह्मणों ने नए शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया है और कितनों को लाइसेंस जारी हुआ ? इस संबंध में बिंदुवार अख्य एवं अनुपूरक सामग्री शासन को 21.08.20 तक ई-मेल पर उपलब्ध कराने के लिए बोला गया था।