उपसंभागीय परिवहन अधिकारी माला बाजपेयी ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए परिवहन विभाग सभी कामकाजों को संपर्क रहित बनाने पर फोकस कर रहा है। इनमें प्रमुख रूप से नया लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस, नवीनीकरण, डुप्लीकेट डीएल, डीएल व वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र में पता बदलना, अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट, अस्थायी वाहन पंजीकरण, पंजीकरण के लिए एनओसी, डुप्लीकेट पंजीकरण प्रमाण पत्र, वाहन ट्रांसफर आदि कार्य शामिल हैं।
उप संभागीय अधिकारी कि बताया कि आधार कार्ड प्रमाणीकरण से डीएल व वाहन पंजीकरण के लिए कई प्रकार के दस्तावेजों की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे परिवहन सम्बंधित कामकाज में पारदर्शिता आएगी।
ड्राइविंग लाइसेंस का फर्जीवाड़ा रुकेगा
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन आधार कार्ड की ऑनलाइन व्यवस्था से एक व्यक्ति द्वारा अलग अलग जगहों पते दर्शाकर कई ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का फर्जीवाड़ा रुकेगा वहीं, चोरी के वाहनों का पुन: दूसरे राज्य में पंजीकरण कराने का गोरखधंधा बंद होगा। उन्होंने कहा है कि आधार कार्ड प्रमाणीकरण के लिए आधार को वैकल्पिक दस्तावेज के रूप में अपनाया जाएगा।
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ड्राइविंग लाइसेंस का फर्जीवाड़ा रुकेगा
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन आधार कार्ड की ऑनलाइन व्यवस्था से एक व्यक्ति द्वारा अलग अलग जगहों पते दर्शाकर कई ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का फर्जीवाड़ा रुकेगा वहीं, चोरी के वाहनों का पुन: दूसरे राज्य में पंजीकरण कराने का गोरखधंधा बंद होगा। उन्होंने कहा है कि आधार कार्ड प्रमाणीकरण के लिए आधार को वैकल्पिक दस्तावेज के रूप में अपनाया जाएगा।
और घर आ जाता है ड्राइविंग लाइसेंस
उपसंभागीय परिवहन विभाग सुलतानपुर के आरआई (रिक्रूट ऑफिसर) लक्ष्मीकांत ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन करने वाले लोगों को दलालों से छुटकारा मिल जाता है और तमाम दौड़ने भागने की झंझटों से भी छुटकारा मिल जाता है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन आवेदन करने वाले को सिर्फ एक दिन आरटीओ कार्यालय आकर फिजिकल टेस्ट कराना पड़ता है, मसलन ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाले का हाथ- पैर सही सलामत हैं या नहीं? वह गाड़ी ड्राइव करने में सक्षम है या नहीं। ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाले व्यक्ति को आरटीओ कार्यालय में लगे कम्प्यूटर सिस्टम में पहचान के लिए फोटो खिंचवाने जैसी फॉर्मेलिटी पूरी करनी पड़ती है। उसके बाद उसका ड्राइविंग लाइसेंस उसके घर रजिस्टर्ड डाक से भेज दिया जाता है।
उपसंभागीय परिवहन विभाग सुलतानपुर के आरआई (रिक्रूट ऑफिसर) लक्ष्मीकांत ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन करने वाले लोगों को दलालों से छुटकारा मिल जाता है और तमाम दौड़ने भागने की झंझटों से भी छुटकारा मिल जाता है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन आवेदन करने वाले को सिर्फ एक दिन आरटीओ कार्यालय आकर फिजिकल टेस्ट कराना पड़ता है, मसलन ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाले का हाथ- पैर सही सलामत हैं या नहीं? वह गाड़ी ड्राइव करने में सक्षम है या नहीं। ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाले व्यक्ति को आरटीओ कार्यालय में लगे कम्प्यूटर सिस्टम में पहचान के लिए फोटो खिंचवाने जैसी फॉर्मेलिटी पूरी करनी पड़ती है। उसके बाद उसका ड्राइविंग लाइसेंस उसके घर रजिस्टर्ड डाक से भेज दिया जाता है।