स्थापना-1995 संस्थापक-डॉ. सोनेलाल पटेल जनाधार-पूर्वांचल उद्देश्य-सामाजिक न्याय और महिला अधिकार समावेशी शासन प्रमुख नेता-अनुप्रिया पटेल करिश्मा लालवानी पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. यूपी के हर विधानसभा चुनाव में अधिकतर दल जातीय अस्मिता की बात करते हैं और जातीय वोटबैंक को साधते हुए टिकट बांटते हैं। पिछले एक-दो चुनावों में जातीय आधार पर अपना चुनावी वोट बैंक खड़ा कर यूपी की राजनीति में अलग मुकाम बनाने वाली पार्टियों में अपना दल का नाम सबसे ऊपर है। कानपुर से लेकर पूर्वांचल तक के कई जिलों में कुर्मी, पटेल, वर्मा, कटियार, निरंजन जैसी तमाम उपजातियों में बंटी खेतिहर और कमेरा बिरादरी को एकजुट कर अपना दल ने न केवल यूपी बल्कि केंद्र की सत्ता में भी अपनी भागीदारी हासिल की है। अपना दल एस की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल सांसद हैं और मोदी सरकार में मंत्री हैं। विधानसभा चुनावों में जातीय समीकरण के आधार पर मोदी मंत्रिमंडल में इन्हें शामिल किया गया है। ऐसे में पटेल बिरादरी का वोट भाजपा को दिलाना और अपना जनाधार बनाए रखना अनुप्रिया के लिए बड़ी चुनौती होगा।
लखनऊ. यूपी के हर विधानसभा चुनाव में अधिकतर दल जातीय अस्मिता की बात करते हैं और जातीय वोटबैंक को साधते हुए टिकट बांटते हैं। पिछले एक-दो चुनावों में जातीय आधार पर अपना चुनावी वोट बैंक खड़ा कर यूपी की राजनीति में अलग मुकाम बनाने वाली पार्टियों में अपना दल का नाम सबसे ऊपर है। कानपुर से लेकर पूर्वांचल तक के कई जिलों में कुर्मी, पटेल, वर्मा, कटियार, निरंजन जैसी तमाम उपजातियों में बंटी खेतिहर और कमेरा बिरादरी को एकजुट कर अपना दल ने न केवल यूपी बल्कि केंद्र की सत्ता में भी अपनी भागीदारी हासिल की है। अपना दल एस की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल सांसद हैं और मोदी सरकार में मंत्री हैं। विधानसभा चुनावों में जातीय समीकरण के आधार पर मोदी मंत्रिमंडल में इन्हें शामिल किया गया है। ऐसे में पटेल बिरादरी का वोट भाजपा को दिलाना और अपना जनाधार बनाए रखना अनुप्रिया के लिए बड़ी चुनौती होगा।
अपना दल के गठन की कहानी कांशीराम से मतभेद के चलते बसपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल डॉ. सोनेलाल पटेल ने 4 नवंबर 1995 को अपना दल का गठन किया। सोनेलाल कभी खुद चुनाव नहीं जीते। लेकिन, विधानसभा के 2002 के चुनाव में अपना दल ने तीन सीटें जीतीं। 2009 में सड़क हादसे में पटेल की मौत हो गई। बेटी अनुप्रिया पटेल को पार्टी का महासचिव बनाया गया। 2012 के विधानसभा चुनाव में अनुप्रिया पटेल रोहनियां विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बनीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन के साथ चुनाव लड़कर अपना दल से मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल और प्रतापगढ़ से हरिवंश सिंह जीते।
दो हिस्सों में बंट गयी पार्टी 2016 में अनुप्रिया 36 साल की उम्र में मोदी मंत्रिमंडल में सबसे कम उम्र की मंत्री बनीं। इसी साल पारिवारिक लड़ाई में पार्टी में विभाजन हो गया। अपनी मां कृष्णा पटेल से अलग होकर अनुप्रिया पटेल ने अपना दल (एस) बना लिया। 2019 में अनुप्रिया पटेल एक बार फिर मिर्जापुर से सांसद बनीं और अब केंद्रीय मंत्री हैं।
16 जिलों में पार्टी का असर अपना दल के मुख्य मतदाता ओबीसी जातियां और तीन से चार प्रतिशत कुर्मी जाति है। यूपी के 16 जिलों में कुर्मी-पटेल वोट बैंक 12 फीसदी तक है। इनमें मुख्य रूप से पूर्वांचल के जिले मिर्जापुर, सोनभद्र, बरेली, उन्नाव, जालौन, फतेहपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, इलाहाबाद, सीतापुर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और बस्ती जिले शामिल हैं।
ओबीसी में यादवों के बाद सबसे ज्यादा यूपी में पिछड़ी जातियों में यादवों के बाद सबसे ज्यादा संख्या कुर्मियों की है। ये यूपी की आबादी का 09 प्रतिशत हैं। यह वर्ग यूपी की करीब 100 सीटों पर प्रभाव रखता है। शहरी इलाकों में यह बहुत प्रभावशाली हैं, उनकी शैक्षणिक संस्थाएं भी हैं।
पूर्वांचल में अपना दल की अहमियत कानपुर से लेकर मिर्जापुर तक गंगा से लगे जिलों में कुर्मी बिरादरी की बहुलता है। अपना दल एस ने जिन 09 सीटों पर जीत दर्ज की हैं उनमें पार्टी का वोट शेयर करीबन 40 फीसदी से अधिक था।