हरि राजभर के वकील अनुपम यादव एवं अनुप्रीति यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि घोसी सीट से पूर्व सांसद एवं बलिया जनपद निवासी हरि नारायण राजभर पर धर्मेंद्र सिंह ने एमएसआई दिल्ली राज्य में चेयरमैन बनाने हेतु 30 लाख रुपए की डिमांड करने का आरोप लगाया था। बताया गया कि धर्मेंद्र सिंह ने आरोपी हरि नारायण राजभर (Ghosi Ex MP Hari Narayan Rajbhar) एवं अन्य सह आरोपी की बातों को मान कर उन्हें 22 लाख रुपए दे दिए थे।
इसके बाद आरोपियों ने फर्जी सरकारी सर्टिफिकेट तैयार कर धोखाधड़ी की। इस मामले में पूर्व बीजेपी सांसद हरि नारायण राजभर की तरफ से उनके वकील ने एमपी/एमएलए कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार शर्मा के कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। याचिका में बताया गया था कि हरि राजभर निर्दोष हैं और उनको गलत आरोप में फंसाया गया है। परिवादी धर्मेंद्र सिंह के दोस्त आशीष ट्रेवल्स द्वारा उनका फर्जी लेटर पैड बनाकर बैंककर्मीयों से मिलकर 50,44,000 रुपए निकाल लिए गए। दूसरी ओर परिवादी के वकील की ओर से बताया गया कि आरोपी पक्ष पर पहले से ही रोहतक जिले में धोखाधड़ी का केस दर्ज है। ऐसे में उनका अग्रिम जमानत अर्जी खारीज किया जाए। इसपर सुनवाई करते हुए एमपी/एमएलए कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश न्याय कक्ष संख्या-2 सुरेश कुमार शर्मा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और उसके बाद पूर्व सांसद हरि नारायण राजभर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अब इसके बाद पूर्व सांसद हरि नारायण राजभर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।