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लखनऊ

अब 18 नहीं …21 साल में होगा लड़कियों का विवाह, जनता बोली सही फैसला

एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल 15 लाख लड़कियों की शादी 18 वर्ष से कम आयु में हो रही है
भारत के जनगणना महापंजीयक के अनुसार 18 से 21 साल के बीच विवाह करने वाली युवतियों की संख्या 16 करोड़ है।

लखनऊDec 16, 2021 / 07:03 pm

Ritesh Singh

अब 18 नहीं ...21 साल में होगा लड़कियों का विवाह, जनता बोली सही फैसला

अब 18 नहीं …21 साल में होगा लड़कियों का विवाह, जनता बोली सही फैसला

लखनऊ। लड़कियों का विवाह 18 वर्ष नहीं बल्कि 21 साल में किया जाना तय किया गया है। इसे लेकर कैबिनेट में लड़कियों की शादी की तय उम्र सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है। इसके लिए सरकार मौजूदा कानून में संशोधन करेगी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को लाल किले से लड़कियों की शादी की उम्र को बढ़ाने की बात कही थी। उनका कहना था कि बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी है कि शादी सही उम्र में हो। पीएम के इस फैसले को लखनऊ की जनता ने अपना पूरा समर्थन दिया है। हमने राजधानी की जनता से विवाह कानून में होने जा रहे इस संशोधन पर बात की तो सबने एक साथ कहा, लड़कियों के स्वास्थ्य और मानसिक स्तर को ठीक रखने के लिए यह सही फैसला है।
राजधानी के वृंदावन योजना में रहने वाली अपेक्षा सैम ने बताया कि पीएम मोदी जी का यह फैसला काबीले तारीफ है। वहीं मानसी ने बताया कि लड़कियों को इससे परिपक्व होने का मौका मिलेगा। इससे वह घर और परिवार के साथ ही खुद को संभाल सकेगी।
पवन दुबे ने बताया कि 18 वर्ष शादी की आयु 18 वर्ष होने की वजह से लड़कियों का बाल विवाह भी चोरी छिपे किया जाता था। अब 21 वर्ष आयु होने की वजह से ऐसा कर पाना मुश्किल होगा। लोगों को अपनी बेटियों के भविष्य के लिए उस फैसले को अपनाना होगा। दिव्या का कहना है कि यह फैसला महिलाओं के हित के लिए जरूरी था।
मौजूदा कानून यह है

बता दें कि अब तक लड़कों का विवाह 21 और लड़कियों के लिए 18 वर्ष मान्य था। अब सरकार बाल विवाह निषेध कानून, स्पेशल मैरिज एक्ट और हिन्दू मैरिज एक्ट में संशोधन करेगी। बता दें कि नीति आयोग में जया जेटली की अध्यक्षता में बने टास्क फोर्स ने इसकी सिफारिश की थी।
1978 में हुआ था आखिरी बदलाव

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1978 में युवतियों की न्यूनतम उम्र में आखिरी बार बदलाव किया गया था। इसके लिए शारदा एक्ट के तहत उस समय लड़कियों के लिए विवाह की आयु सीमा 15 से 18 किया था। इसके लिए शारदा एक्ट 1929 में बदलाव किया गया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल 15 लाख लड़कियों की शादी 18 वर्ष से कम आयु में हो रही है

भारत के जनगणना महापंजीयक के अनुसार 18 से 21 साल के बीच विवाह करने वाली युवतियों की संख्या 16 करोड़ है।

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