लखनऊ

प्राइमरी शिक्षकों को इलाहाबाद हाई कोर्ट से झटका, समायोजन प्रक्रिया रद्द

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। इसके कारण विभाग में चल रही समायोजन प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लग गई है।

लखनऊNov 07, 2024 / 09:33 pm

Prateek Pandey

समायोजन प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि समायोजन प्रक्रिया में हुई गलतियों को ठीक किया जाए। हाई कोर्ट का यह आदेश विभाग में हलचल मचाने वाला बताया जा रहा है। 
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के समायोजन प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। अब इसके बाद विभाग की ओर से चल रही समायोजन प्रक्रिया पर रोक लग गई है। कोर्ट ने कहा कि “लास्ट कम फर्स्ट आउट” (LCFO) नियम संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन करता है। क्योंकि इसके तहत जूनियर शिक्षक बार-बार समायोजित होते रहते हैं जबकि सीनियर शिक्षक अपनी जगह पर बने रहते हैं।

सीनियर शिक्षकों पर भी पड़ेगा असर

इस फैसले का असर न केवल समायोजन प्रक्रिया पर, बल्कि सीनियर शिक्षकों पर भी पड़ेगा, जो अब तक समायोजन से बाहर थे। कोर्ट ने आदेश दिया कि समायोजन से जुड़ी सभी गतिविधियों को तुरंत बंद किया जाए और जिन गलतियों के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई, उन्हें ठीक किया जाए। इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि समायोजन में सुधार के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
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कोर्ट के इस आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के लगभग अधिकतर स्कूल प्रभावित होंगे। यह फैसला खासकर उन शिक्षकों के लिए चिंता का विषय है जिनका समायोजन प्रक्रिया के तहत स्थानांतरण या पदोन्नति हो रही थी। इस आदेश के खिलाफ अपील दायर की जा सकती है। फिलहाल हाई कोर्ट का यह आदेश विभाग में हलचल मचाने वाला है। समायोजन प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता का विचार करते हुए, कोर्ट ने इसे संविधान के दृष्टिकोण से सही नहीं ठहराया और इसे रद्द कर दिया।

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