24 साल पहले हुई थी भर्ती सचिव पशुधन विभाग (Pashudhan Vibhag) ने 27 दिसंबर 1995 को फैजाबाद परिक्षेत्र के निदेशक द्वारा 26 नवंबर 1995 को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति के आदेश को रद्द कर दिया था। याचियों ने इसके विरोध में याचिका दाखिल की थी। जिस पर एकल पीठ ने 24 जनवरी 2019 को प्रदेश सरकार (UP Government) के आदेश को खारिज करते हुए याचियों को वापस सेवा में लेने के आदेश दिए थे। सरकार ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में विशेष अपील दाखिल की थी, जिससे खंडपीठ ने 23 मई 2019 को अस्वीकार कर दिया था।
कोर्ट ने आदेश को ठहराया सही एकल पीठ और खंडपीठ के फैसलों के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की जिस पर सर्वोच्च अदालत ने 9 अगस्त को एकल पीठ और खंडपीठ के आदेशों को सही ठहराया था। प्रदेश सरकार (UP Government) ने कोई कार्रवाई नहीं की तो अवमानना याचिकाएं दाखिल की गईं। इन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि सरकार सभी याचियों को सेवा में वापस ले रही है। इसके बाद कोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर दिया।
कोर्ट ने दी चेतावनी कोर्ट ने कहा कि अगर याचिओं को 2 सितंबर या उससे पहले सेवा में वापस नहीं लिया किया गया तो वह फिर से अवमानना याचिका दायर कर सकते हैं। साथ ही चेतावनी दी कोर्ट ने पशुधन विभाग (UP Pashudhan Department) को चेतावनी दी कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों की जानबूझकर अवज्ञा करने के आरोप में उनके खिलाफ उचित आदेश जारी किया जाएगा।