लखनऊ

69000 शिक्षक भर्ती में चयनित डीएलएड अभ्यर्थियों के लिए हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, तुरंत पोस्टिंग का दिया आदेश

D.El.Ed News: D.El.Edइंटरमीडिएट (Intermediate 12th) के बाद डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (D.El.Ed) करने वालों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है।

लखनऊJun 24, 2021 / 11:54 am

नितिन श्रीवास्तव

69000 शिक्षक भर्ती में चयनित डीएलएड अभ्यर्थियों के लिए हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, तुरंत पोस्टिंग का दिया आदेश

लखनऊ. D.El.Ed News: इंटरमीडिएट (Intermediate 12th) के बाद डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (D.El.Ed) करने वालों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों को 69,000 शिक्षक भर्ती में चयन के योग्य करार दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इस आधार पर नियुक्ति से इनकार करना कि उम्मीदवार ने इंटरमीडिएट के बाद डीएलएड किया है, न कि स्नातक के बाद, प्रथम दृष्टया अवैध है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Shikshak Bharti) में चयनित पूजा तिवारी की तरफ दायर याचिका पर सुनाया और उन्हें तत्काल स्कूल आवंटित करने का भी आदेश दिया। दरअसल पूजा तिवारी ने हाईकोर्ट में शिक्षक भर्ती के उस नियम को चुनौती दी थी जिसमें कहा गया था कि ग्रेजुएशन के बाद डीएलएड करने वाले ही योग्य माने जाने जाएंगे। याचिका दायर करने वाली पूजा तिवारी ने 12वीं के बाद डीएलएड किया था और इस भर्ती में अंतिम रूप से चयनित हुई हैं। उन्हें मैनपुरी जिले में नियुक्ति भी दी गई है लेकिन अभी तक विद्यालय नहीं मिला है।
बताया गया ये नियम

हाईकोर्ट के सामने बहस के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि एनसीटीई की 28 नवंबर 2014 के रेग्युलेशन में साफ है कि 50 फीसदी नंबरों के साथ इंटरमीडिएट पास करने के बाद शिक्षक प्रशिक्षण लेने वाले सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए योग्य माने जाएंगे। यह बात NCTE की 28 नवंबर 2014 के रेगुलेशन में साफ है। हाईकोर्ट के जज जेजे मुनीर ने तर्कों पर विचार करने के बाद कहा कि एनसीटीई के नियम प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा की परिकल्पना करते हैं।
याचिकाकर्ता को स्कूल देने का आदेश

याचिकाकर्ता को पहले ही 5 दिसंबर, 2020 के आदेश के तहत सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया जा चुका है। यह आदेश बेसिक शिक्षा अधिकारी, मैनपुरी द्वारा जारी किया गया है। कोर्ट ने पाया कि प्रथम दृष्टया परिपत्र दिनांक 18.01.2021 का खंड 23 विधि विरुद्ध प्रतीत होता है। नतीजतन न्यायालय ने अंतरिम रहत के रूप में निर्देश देते हुए 18 जनवरी 2021 के सर्कुलर के खंड 23 को स्टे किया जाता है। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को तुरंत एक स्कूल आवंटित करने का आदेश भी दिया है।
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