कमियों को उजागर करना अपराध नहीं याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि उन्होंने कोटवाबनी में बने क्वारंटीन सेंटर के कुप्रंबधन का मुद्दा उठाया था, जिसके लिए उन पर एफआईआर दर्ज की गई। जबकि आईपीसी की धारा 501 और 505 (2) के तहत कमियों और कुप्रबंधन को उजागर करना अपराध नहीं है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया था कि उत्तरदाताओं-अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि वे उन्हें गिरफ्तारी न करें और परेशान न करें।
मानहानि के दायरे में नहीं आएगा मामला कोर्ट ने खुद क्वारंटीन सेंटर का संज्ञान लेते हुए हाइजीनिक स्थितियों की कमी और अपर्याप्त उपचार को उजागर किया था। इसलिए यह तर्क दिया गया कि अगर याचिकाकर्ता ने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को हुई समस्याओं को उजागर किया था, तो यह मानहानि के दायरे में नहीं आएगा। न ही ये शत्रुता को बढ़ावा देने या वर्गों के बीच घृणा फैलाने जैसा माना जाएगा।