लखनऊ

कोरोना संकट के दौरान राजनाथ, स्मृति, महेंद्र पाण्डेय के ‘लापता’ पोस्टर लगाने वालों को मिला जवाब, हुई यह कार्रवाई

लोगों में शंका है कि कहीं उनके सांसद उन्हें भूल तो नहीं गए। तमाम सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र की याद दिलाने के लिए यूपी में पोस्टर लगाने का चलन शुरू हो गया है।
 

लखनऊJun 03, 2020 / 06:42 pm

Abhishek Gupta

Missing Posters

लखनऊ. कोरोना काल के दौरान यूपी की जनता त्रस्त है। आए दिन कोरोना से जुड़े सैकड़ों मामले भयभीत करने वाले हैं। ऐसे कठिन समय में अपने सांसदों की गैरमौजूदगी जनता को और डरा रही है। करीब तीन माह बीतने को हैं, लेकिन जन प्रतिनिधि एक बार भी सुध लेने अपनी जनता के बीच नहीं पहुंचे। लोगों में शंका है कि कहीं उनके सांसद उन्हें भूल तो नहीं गए। तमाम सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र की याद दिलाने के लिए यूपी में पोस्टर लगाने का चलन शुरू हो गया है। बलिया से इसकी शुरुआत हुई, जहां सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के लापता पोस्टर शहर में चस्पा किए गए।
राजधानी लखनऊ से सांसद व केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी लापता बताकर दीवारों पर पोस्टर लगाए गए। अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी व चंदौली से सांसद व केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय को लेकर भी कुछ ऐसा ही हुआ। इन्हें ढूंढने वालों को ईनाम दिए जाने की घोषणा भी की गई। कांग्रेस को मात देकर अमेठी में भाजपा का परचम लहराने वाली सांसद स्मृति ईरानी ने जवाबदेही महसूस की और ट्वीट किया। लेकिन लखनऊ, बलिया, चंदौली में ‘लापता’ पोस्टर लगाने वालों को पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ा। भाजपा ने मामले पर जवाब देते हुए इसे विपक्ष की ओछी राजनीति करार दिया है। उनका कहना है कि सांसद कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों का हाल ले रहे हैं।
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बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त – 21 मई को बलिया जिले में सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और सदर विधायक, प्रदेश सरकार के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला के कथित तौर पर लापता होने के पोस्टर लगाए गए थे। मामले में पुलिस ने दो छात्र नेताओं को गिरफ्तार किया है। इस घटना के बाद से जिले में हड़कंप मचा हुआ है। इसी कड़ी में 28 मई को सतीश चंद्र कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष रोहित चौबे और मनन दुबे को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
लखनऊ सांसद राजनाथ सिंह- 30 मई को लखनऊ सांसद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह व भाजपा के विधायक सुरेश श्रीवास्तव के लापता होने के पोस्टर्स चस्पा कर दिए गए। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता समीर खान सुल्तान और जय सिंह यादव ने यह पोस्टर्स लखनऊ के पश्चिमी विधान क्षेत्र में लगवाए थे। पुलिस ने इस मामले में एक्शन लिया है और सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ धारा 500 और 505 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। दोनों के खिलाफ लखनऊ के पारा थाना में मुकदमा दर्ज हुआ है।
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अमेठी सांसद स्मृति ईरानी- पोस्टर्स लगाने का सिलसिला 1 जून को भी जारी रहा। इस बार अमेठी सांसद स्मृति ईरानी निशाने पर रहीं। और उनके लापता होने के पोस्टर लगवाए गए। इसके अलगे ही दिन मंगलवार को जिले के सियासत गर्म गई। सांसद के लापता होने के पोस्टर पर महिला कांग्रेस ने ट्वीट भी किया। जिसके बाद खुद स्मृति इरानी ने मोर्चा संभाला और ट्वीट कर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के रायबरेली आने पर सवाल उठा दिए। और कांग्रेस को अपने अध्यक्ष से सवाल करने की नसीहत दे डाली।
चंदौली सांसद महेंद्रनाथ पाण्डेय- 2 जून को चंदौली सांसद व केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय के लापता होने के पोस्टर शहर की दीवारों पर चिपका दिए गए हैं। चंदौली के डीडीयू नगर (मुगलसराय) में सांसद के कई पोस्टर लगाए गए हैं जिसमें उनको लापता बताया गया। साथ ही पता लगाने वाले को 5100 रुपए इनाम देने की भी घोषणा की गई है। पोस्टर स्थानीय एलबीएस डिग्री कालेज के पूर्व अध्यक्ष अंकित यादव द्वारा लगाए गए हैं। भाजपा ने इसे ओछी राजनीति करार दिया है। साथ ही विपक्ष पर केंद्रीय मंत्री की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया है।

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