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विश्वविद्यालय ने परिसर और संबद्ध कॉलेजों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में भी कराने का निर्णय लिया है। नई व्यवस्था के तहत विश्वविद्यालय परिसर और संबद्ध तकनीकी संस्थानों के छात्र अब अंग्रेजी के साथ हिंदी माध्यम में भी पढ़ाई कर सकेंगे। नए शैक्षणिक सत्र से यह व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। विश्वविद्यालय की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। यह भी पढ़ें
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एकेटीयू में अब विद्यार्थियों को हिंदी माध्यम में पढ़ाई करने की सुविधा मिलेगी। संबद्ध कॉलेजों में बीटेक और एमटेक सहित अन्य सभी पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं को इस व्यवस्था से काफी फायदा मिलेगा। विश्वविद्यालय से जुड़े 753 तकनीकी संस्थानों में यह व्यवस्था लागू होगी। इस संबंध में कॉलेजों को निर्देशित कर दिया गया है। आगामी सत्र से विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम के साथ हिंदी माध्यम में पड़ने का मौका मिलेगा। जिससे छात्र तकनीकी शिक्षा को अपनी भाषा में ज्यादा अच्छी तरह से समझ सकेंगे। पिछले सत्र में विद्यार्थियों को परीक्षा देने के लिए अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं का विकल्प दिया गया था। अगले सत्र से छात्रों के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रश्न पत्र तैयार किए जाएंगे। इसके लिए पहले भी तकनीकी संस्थानों को निर्देश दिए गए थे। लेकिन कई कॉलेज हिंदी में बीटेक और एमटेक पढ़ाने के पक्ष में नहीं थे। अब अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद यानी एआईसीटीई ने तकनीकी विश्वविद्यालय और संस्थानों को अंग्रेजी के साथ मातृभाषा हिंदी में भी पढ़ाने के लिए निर्देशित किया है। जिसके मद्देनजर एकेटीयू की ओर से सर्कुलर जारी कर दिया गया है।
एकेटीयू के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय के मुताबिक अब छात्रों को अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी तकनीकी विषय पढ़ाए जाएंगे। जिससे विद्यार्थियों को अपनी भाषा में पढ़ने से काफी आसानी होगी। सभी तकनीकी संस्थानों को दोनों भाषाओं में पढ़ाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि ऐसे छात्र जिनकी अंग्रेजी कमजोर है वह भी आसानी से बीटेक और एमटेक के पाठ्यक्रमों को समझ सकेंगे।