क्या है सर्वार्थ सिद्धि योग, जिसमें सब काम होते हैं शुभ
किसी भी शुभ काम को करने के लिये सर्वार्थ सिद्धि योग से बेहतर कोई मुहूर्त नहीं हो सकता। इस मुहूर्त में शुक्र अस्त, पंचक, भद्रा आदि दशाओं पर भी विचार करने की जरूरत नहीं होती है। जब स्वार्थ सिद्धि योग बन रहा हो बिना किसी मूहूर्त की परवाह किये मांगलिक कार्य किये जा सकते हैं।
किसी भी शुभ काम को करने के लिये सर्वार्थ सिद्धि योग से बेहतर कोई मुहूर्त नहीं हो सकता। इस मुहूर्त में शुक्र अस्त, पंचक, भद्रा आदि दशाओं पर भी विचार करने की जरूरत नहीं होती है। जब स्वार्थ सिद्धि योग बन रहा हो बिना किसी मूहूर्त की परवाह किये मांगलिक कार्य किये जा सकते हैं।
अक्षय तृतीया पर खरीदारी से होगा लाभ
पंडित श्रीधर ने बताया कि इस बार भले ही अक्षय तृतीया से पहले द्वितीया का लोप है, लेकिन अक्षय तृतीया विशेष फल देने वाली होगी। अक्षय तृतीया पर मांगलिक कार्य के अलावा दिनभर खरीदारी या कोई शुभ कार्य (मुंडन, जनेऊ आदि) किया जा सकेगा। अक्षय तृतीया के दिन सोना, वाहन आदि खरीदने के लिये और पूजा कर्म करने का विशेष लाभ मिलेगा।
पंडित श्रीधर ने बताया कि इस बार भले ही अक्षय तृतीया से पहले द्वितीया का लोप है, लेकिन अक्षय तृतीया विशेष फल देने वाली होगी। अक्षय तृतीया पर मांगलिक कार्य के अलावा दिनभर खरीदारी या कोई शुभ कार्य (मुंडन, जनेऊ आदि) किया जा सकेगा। अक्षय तृतीया के दिन सोना, वाहन आदि खरीदने के लिये और पूजा कर्म करने का विशेष लाभ मिलेगा।
अक्षय तृतीया पर दान व पूजन का विशेष महत्व
पंडित श्रीधर बताते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन किया गया दान रोज की अपेक्षा विशेष फल देने वाला होता है। अक्षय तृतीया के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान का ध्यान और पूजा करें। इसके बाद ब्राह्मणों और गरीबों को घड़ा, छाता और वस्त्र आदि का अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें। विशेष फल मिलेगा।
पंडित श्रीधर बताते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन किया गया दान रोज की अपेक्षा विशेष फल देने वाला होता है। अक्षय तृतीया के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान का ध्यान और पूजा करें। इसके बाद ब्राह्मणों और गरीबों को घड़ा, छाता और वस्त्र आदि का अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें। विशेष फल मिलेगा।
मनकामेश्वर मंदिर में नौ कन्याओं का पूजन
अक्षय तृतीया के दिन डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मठ मंदिर में महंत देव्यागिरि विश्व कल्याण और संपन्न राष्ट्र के लिये कलश पूजन करेंगी। इस आयोजन में नौ कन्याओं का विशेष पूजन किया जायेगा।
अक्षय तृतीया के दिन डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मठ मंदिर में महंत देव्यागिरि विश्व कल्याण और संपन्न राष्ट्र के लिये कलश पूजन करेंगी। इस आयोजन में नौ कन्याओं का विशेष पूजन किया जायेगा।
लखनऊ में जैन धर्म के लोग भी मनाएंगे अक्षय तृतीया
अक्षय तृतीया जैन धर्म में भी मनाई जाती है, लेकिन जैनियों में इसे इक्षु तृतीया के रूप में मनाया जाता है। राजधानी के डालीगंज स्थित पार्श्वनाथ जैन मंदिर में इक्षु तृतीया पर विशेष आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा लखनऊ के अन्य जैन मंदिरों में इक्षु तृतीया धूमधाम से मनाई जाएगी।
अक्षय तृतीया जैन धर्म में भी मनाई जाती है, लेकिन जैनियों में इसे इक्षु तृतीया के रूप में मनाया जाता है। राजधानी के डालीगंज स्थित पार्श्वनाथ जैन मंदिर में इक्षु तृतीया पर विशेष आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा लखनऊ के अन्य जैन मंदिरों में इक्षु तृतीया धूमधाम से मनाई जाएगी।
हिंदू क्यों मनाते हैं अक्षय तृतीया
हिंदुओं के साथ जैन धर्म के लोग भी अक्षय तृतीया को धूमधाम से मनाते हैं। अक्षय तृतीया को लेकर हिंदुओं में अलग-अलग मान्यता है। कुछ लोगों का कहना है कि वैशाख मास की अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु का जन्म हुआ था तो कुछ इसे भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जोड़कर देखते हैं। इसके अलावा भी अन्य धार्मिक मान्यताएं हैं, जिनके आधार पर हिंदू अक्षय तृतीया के दिन पूजा और दान करते हैं।
हिंदुओं के साथ जैन धर्म के लोग भी अक्षय तृतीया को धूमधाम से मनाते हैं। अक्षय तृतीया को लेकर हिंदुओं में अलग-अलग मान्यता है। कुछ लोगों का कहना है कि वैशाख मास की अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु का जन्म हुआ था तो कुछ इसे भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जोड़कर देखते हैं। इसके अलावा भी अन्य धार्मिक मान्यताएं हैं, जिनके आधार पर हिंदू अक्षय तृतीया के दिन पूजा और दान करते हैं।
जैन धर्म के लोग क्यों मनाते हैं अक्षय तृतीया
जैन धर्म को मानने वाले इक्षु तृतीया बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। वह इसे 24वें तीर्थकर भगवान ऋषभदेव से जोड़कर देखते हैं। भगवान ऋषभदेव ही बाद में भगवान आदित्यनाथ के नाम से फेमस हुए। लखनऊ में इक्षु तृतीया के दिन जैन धर्म के लोग गन्ने के रस से अभिषेक करते हैं। इसके बाद शांतिधारा और भक्तांबर का पाठ किया जाता है।
जैन धर्म को मानने वाले इक्षु तृतीया बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। वह इसे 24वें तीर्थकर भगवान ऋषभदेव से जोड़कर देखते हैं। भगवान ऋषभदेव ही बाद में भगवान आदित्यनाथ के नाम से फेमस हुए। लखनऊ में इक्षु तृतीया के दिन जैन धर्म के लोग गन्ने के रस से अभिषेक करते हैं। इसके बाद शांतिधारा और भक्तांबर का पाठ किया जाता है।