अखिलेश यादव ने दी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी की जानकारी
अखिलेश यादव ने कहा कि इस महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति को देगी जो पार्टी को मजबूती देने के साथ-साथ विपक्ष की आवाज को सदन में बुलंद कर सके। हालांकि, अखिलेश ने नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर कोई संकेत नहीं दिया है, लेकिन यह जरूर कहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच चर्चा के बाद नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा कर दी जाएगी।
संभावित उम्मीदवार
सपा सूत्रों के अनुसार, नेता प्रतिपक्ष के लिए पहला नाम सपा विधायक इंद्रजीत सरोज का है। हालांकि, राम अचल राजभर, सपा राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव और सपा विधायक कमाल अख्तर भी इस पद के दावेदार हैं। जिस तरह से यूपी में लोकसभा चुनाव पीडीए फॉर्मूला के तहत चुनाव लड़ा गया है, इस हिसाब से यह उम्मीद है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष इन नामों में से किसी एक को नेता प्रतिपक्ष बना सकते हैं।
इंद्रजीत सरोज
इंद्रजीत सरोज, जो 1985 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद बसपा संस्थापक कांशीराम से प्रेरित होकर मुख्य राजनीतिक धारा में आए। 1996 के विधानसभा चुनाव में वह मंझनपुर से पहली बार विधायक चुने गए। कई बार यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। वह मंझनपुर विधानसभा से अब तक चार बार विधायक रहे हैं। मायावती से मतभेद के बाद, 2018 में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। वर्तमान में वह विधानसभा में सदन में विपक्ष के उपनेता और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं।
राम अचल राजभर
राम अचल राजभर ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और समाजवादी पार्टी के राममूर्ति वर्मा को हराकर सीट जीती थी। 2017 से विधानसभा में विधायक के रूप में कार्य कर रहे हैं।
कमाल अख्तर और शिवपाल सिंह यादव
कमाल अख्तर और शिवपाल सिंह यादव भी इस पद के दावेदारों में शामिल हैं। इन दोनों नेताओं का पार्टी में महत्वपूर्ण स्थान है और इनके अनुभव एवं राजनीतिक समझ को देखते हुए इन्हें भी नेता प्रतिपक्ष बनाने की संभावना है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच विचार-विमर्श के बाद ही नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा की जाएगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अखिलेश यादव किसे इस महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपते हैं।