हाल ही में अखिलेश यादव ने ‘बागी’ चाचा की सदस्यता खारिज करने की याचिका वापस ली तो शिवपाल ने भी पत्र लिखकर भतीजे का आभार जताते हुए उन्हें यूपी का श्रेष्ठ विकल्प करार दिया। कहा कि निश्चय ही यह मात्र एक राजनीतिक परिघटना नहीं है, बल्कि आपके इस तरह के स्पष्ट, सार्थक व सकारात्मक हस्तक्षेप से राजनीतिक परिधि में आपके नेतृत्व में एक नव राजनीतिक विकल्प व नवाक्षर का जन्म होगा। गौरतलब है कि सपा के नेता सदन रामगोविंद चौधरी ने 04 सितंबर, 2019 को दल-बदल कानून के तहत शिवपाल की विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने की याचिका दायर की थी, जिसे 23 मार्च को वापस ले लिया गया। इस दौरान रामगोविंद चौधरी ने स्पष्ट कहा था कि शिवपाल यादव की समाजवादी पार्टी में वापसी होगी।
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मुलायम सिंह यादव बने सूत्रधार
सपा सूत्रों की मानें तो मुलायम सिंह यादव के कहने पर ही अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल से एडजेस्टमेंट को तैयार हुए हैं। इसकी शुरुआत सैफई से हो चुकी थी। जब होली पर पूरा कुनबा एक साथ इकट्ठा हुआ था। मुलायम, अखिलेश और रामगोपाल पहले ही मंच पर बैठे थे। शिवपाल भी पहुंचे और मुलायम सिंह यादव के पैर छूकर वह आगे बढ़ ही रहे थेकि अखिलेश ने गर्मजोशी से शिवपाल के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। हालांकि, उस वक्त कार्यकर्ताओं की नारेबाजी की वजह अखिलेश थोड़ा नाराज जरूर हो गये थे। बीते दिनों लॉकडाउन में तबियत खराब होने के चलते मुलायम को कई बार अस्पताल में एडमिट होना पड़ा। शिवपाल हर वक्त उनके साये की तरह साथ रहे। इस बीच मुलायम सिंह यादव भाई शिवपाल और बेटे अखिलेश के रिश्तों पर जमीं बर्फ को पिघलाने की कोशिश करते रहे, जिसके बाद अखिलेश ने केवल चाचा की विधायकी खत्म करने वाली याचिका वापस ली, बल्कि कहा कि जसवंत नगर विधानसभा सीट पर उनके साथ ‘एडजस्टमेंट’ हो सकता है। वैसे भी सपा एक ही पार्टी है।