हार को स्वीकार नहीं कर पा रहे अखिलेश यादव
ब्रजेश पाठक ने कहा कि अखिलेश यादव इन मुद्दों पर बोलना नहीं चाहते लेकिन हार को स्वीकार नहीं कर पा रहे। इनकी असलियत प्रदेश की जनता समझ चुकी है। प्रदेश की जनता ने पूरी तरह से सपा को नकार दिया। इन्होंने लोकतांत्रिक व्यवस्था को नकार दिया। उन्होंने विपक्ष द्वारा ईवीएम पर लगाए जा रहे आरोप और तुष्टिकरण की राजनीति पर कहा कि लोकतंत्र में निर्वाचन आयोग की वजह से जब यह लोग मंत्री बने तब ईवीएम अच्छी थी। मुस्लिम समाज को वोट बैंक समझते थे। मुस्लिम समाज 20 प्रतिशत है। अगर मुस्लिम समाज इन्हें छोड़ दे तो सपा तीन टके की पार्टी रह जाएगी। लेकिन आज वो दो टके की पार्टी रह गई।
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सिर्फ भाई और परिवार में टिकट बांटते हैं: ब्रजेश पाठक
उन्होंने कहा कि यह लोग सिर्फ भाई और परिवार में टिकट बांटते है। पहले हर समाज में यादव समाज का बड़ा नेता होता था, आज वो सभी बड़े नेता कहां चले गए? इन लोगों ने कभी अल्पसंख्यक समाज को या मुस्लिम समाज को लेकर घोषणा की? अखिलेश यादव घोषणा करें कि मुस्लिम समाज का अगला मुख्यमंत्री होगा।अगली बार करहल भी जीतने का किया वादा
ब्रजेश पाठक ने आगे कहा कि कुंदरकी में इनके प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई और ये कहते हैं कि कुंदरकी में पोस्टल बैलेट में 70 प्रतिशत वोट हमें मिले हैं। कुंदरकी हो मीरापुर हो, सभी लोगों ने इनके काले कारनामे को पकड़ा है। हजारों लोगों ने कुंदरकी में कसम खाई थी कि हम वोट भाजपा को देंगे। कुंदरकी में डेढ़ लाख वोटों का अंतर है। करहल में 67 हजार से ये जीतते थे। आज ये 13 हजार से जीते। करहल की जनता कराह रही है। अगली बार करहल भी जीतेंगे। सीसामऊ में जीत हार का अंतर भी मात्र सात से आठ हजार का रहा। करहल और सीसामाउ में वोट क्यों घटा, इसका उन्हें जवाब देना चाहिए। यह भी पढ़ें