संसद सत्र के सातवें दिन कड़े दिखे अखिलेश यादव के तेवर
केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद पहले संसद सत्र के सातवें दिन अखिलेश यादव ने लोकसभा स्पीकर के सामने अपनी बातें रखीं। इस दौरान उन्होंने लोकसभा में पेपर लीक मुद्दे पर कहा “पेपर लीक क्यों हो रहे हैं? सच तो यह है कि सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि उसे युवाओं को नौकरी न देनी पड़े।” यह भी पढ़ें
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इसके बाद उन्होंने यूपी का जिक्र करते हुए कहा “जुमला बनाने वालों से विश्वास उठ गया। पिछले दस सालों में भाजपा सरकार के शासनकाल में यूपी के अंदर परीक्षा माफिया का जन्म हुआ है।” अखिलेश ने आगे एक शेर पढ़ते हुए मजाकिया अंदाज में कहा “हुजूरे आला आज तक खामोश बैठे हैं इसी गम में, महफिल लूट ले गया कोई जबकि सजाई थी हमने” उन्होंने कहा कि जो किसी को लाने का दावा करते थे, वो खुद लाचार हैं।ईवीएम पर आज भी भरोसा नहीं होने का किया दावा
लोकसभा में अखिलेश यादव ने कहा “ईवीएम पर मुझे कल भी भरोसा नहीं था, आज भी नहीं है भरोसा, मैं 80/80 सीटें जीत जाऊं तब भी नहीं भरोसा… ईवीएम का मुद्दा खत्म नहीं हुआ है। यहां हारी हुई सरकार विराजमान है। ये चलने वाली नहीं गिरने वाली सरकार है। आवाम ने हुकूमत का गुरूर तोड़ा है। जनता कह रही, सरकार गिरने वाली है। संविधान रक्षकों की जीत हुई है।”अखिलेश यादव ने संसद सत्र में और क्या कहा?
अखिलेश ने संसद सत्र के दौरान आगे कहा “देश के सभी समझदार और ईमानदार मतदाताओं को धन्यवाद! जिन्होंने देश के लोकतंत्र को एकतंत्र बनने से रोका है।” उन्होंने एक शेर के हवाले से कहा “आवाम ने तोड़ दिया हुकुमत का गुरुर, दरबार तो लगा है पर बड़ा गमगीन बेनूर।” सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे कहा “कहने को यह सरकार कहती है कि ये फिफ्थ लार्जेस्ट इकोनॉमी बन गई है, लेकिन यह सरकार क्यों छुपाती है हमारे देश की पर कैपिटा इनकम किस स्थान पर पहुंची है? वर्ल्ड हंगर इंडेक्स पर कहां खड़े हैं, नीचे से कहां है?”