ये भी पढ़ें- नगर निगम ने बजाया बैंड, खुली तिजोरी, जमा हुआ लाखों रुपया चुनाव जीतने के बाद केवल तीन बार आए संसद- गौरतलब है कि 19वीं लोकसभा में अभी तक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष केवल तीन ही दिन संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज करा पाए हैं। संसद में अखिलेश यादव की अनुपस्थिति को लेकर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। वैसे ज्ञात हो, बीते लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी केवल पांच सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई है। उनमें मुलायम सिंह यादव व आजम खां भी शामिल हैं।
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संसद में सांसदों की अनुपस्थिति का मुद्दा पीएम मोदी ने भी उठाया था। उन्होंने तीन तलाक विधेयक के मौके पर लोकसभा में सांसदों की कम उपस्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि उपस्थिति को लेकर सभी सांसद सतर्क रहें।
संसद में सांसदों की अनुपस्थिति का मुद्दा पीएम मोदी ने भी उठाया था। उन्होंने तीन तलाक विधेयक के मौके पर लोकसभा में सांसदों की कम उपस्थिति पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि उपस्थिति को लेकर सभी सांसद सतर्क रहें।
ये भी पढ़ें- मेनका गांधी ने विकलांग और बुजुर्गों के लिए उठाया बड़ा कदम, रेलवे को लिखा पत्र रामगोपाल ने दिया अखिलेश के लिए जवाब-
अखिलेश यादव की संसद में लगातार अनुपस्थिति को लेकर उनके चाचा व राज्यसभा सदस्य राम गोपाल यादव ने जवाब दिया और इसके लिए निजी कारणों को वजह बताया। रामगोपाल यादव ने कहा कि वह इन दिनों निजी कारणों से व्यस्त हैं। वह संसद आए थे। अभी वह कुछ दिनों के लिए किसी काम से गए हुए हैं। उन्होने कहा कि अखिलेश यादव अब पांच जुलाई से संसद आएंगे।
अखिलेश यादव की संसद में लगातार अनुपस्थिति को लेकर उनके चाचा व राज्यसभा सदस्य राम गोपाल यादव ने जवाब दिया और इसके लिए निजी कारणों को वजह बताया। रामगोपाल यादव ने कहा कि वह इन दिनों निजी कारणों से व्यस्त हैं। वह संसद आए थे। अभी वह कुछ दिनों के लिए किसी काम से गए हुए हैं। उन्होने कहा कि अखिलेश यादव अब पांच जुलाई से संसद आएंगे।
अखिलेश संगठन को कर रहे हैं मजबूत, उपचुनाव में जुटे-
बसपा से गठबंधन टूटने के बाद अखिलेश यादव ने तय कर लिया है कि उनकी पार्टी भी सभी सीटों पर अकेले उपचुनाव लड़ेगी। उनका इरादा साफ है कि वे सभी 12 सीटों पर बसपा को कड़ी टक्कर देंगे। ऐसे में पार्टी के संगठन को जिला दर मजबूत करने के लिए वो तैयारियां तेज कर चुके हैं। उपचुनाव में उनकी कोशिश रहेगी कि भले ही साइकिल न चले, लेकिन हाथी को भी वह आगे नहीं जाने देंगे।
बसपा से गठबंधन टूटने के बाद अखिलेश यादव ने तय कर लिया है कि उनकी पार्टी भी सभी सीटों पर अकेले उपचुनाव लड़ेगी। उनका इरादा साफ है कि वे सभी 12 सीटों पर बसपा को कड़ी टक्कर देंगे। ऐसे में पार्टी के संगठन को जिला दर मजबूत करने के लिए वो तैयारियां तेज कर चुके हैं। उपचुनाव में उनकी कोशिश रहेगी कि भले ही साइकिल न चले, लेकिन हाथी को भी वह आगे नहीं जाने देंगे।