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ऐसे हुई हत्या- यूपी की जानी मानी महिला अधिवक्ता दरवेश यादव सोमवार को सबसे बड़े राज्य की बार काउंसिल की अध्यक्ष चुनी गई थी। इस मौके पर आगरा की दीवानी कचहरी में उनके लिए सम्मान समारोह का आयोजन हुआ जिसमें सभी अधिवक्ताओं ने शिरकत की। दरवेश बुधवार को वहां पहुंचीं। उनके साथियों ने फूल मालाएं भेंट कर उनका जोरदार स्वागत किया। समारोह के बाद दरवेश एक वरिष्ठ अधिवक्ता साथी के चैंबर में चली गई, जहां पर भी मुबारकबाद का दौर जारी रहा। कई अधिवक्ता वहां पर उन्हें बधाई देने आए। इसी बीच अचानक एक के बाद एक तीन गोलियां चली और आखिर में एक और गोली। वह तीन गोलियां दरवेश यादव को लगीं वहीं एक उनके पूर्व सहयोगी मनीष को लगी जिन्हें लहूलुहान स्थिति में स्थानीय अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने दरवेश यादव को मृत घोषित कर दिया वहीं मनीष का इलाज चल रहा है। दरअसल पूर्व सहयोगी मनीष ने ही दरवेश को मौत के घाट उतारा और खुद को भी जान से मारने की कोशिश की।
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अखिलेश ने दिया बयान- मामले में सोशल मीडिया ट्विटर पर अखिलेश यादव ने सीएम योगी की आज की बैठक व उक्त मामले को लेकर बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि सीएम बैठक पर बैठक कर रहे हैं। अपराधी अपराध पर अपराध! आगरा में बार काउंसिल अध्यक्ष की हत्या कानून व्यवस्था पर सुलगता सवाल। दुखद! अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, “बलात्कार, हत्याएं और राजनीतिक हत्याएं खतरनाक दर से बढ़ रही हैं। सीएम बैठकों पर बैठकों की अध्यक्षता कर रहे हैं, लेकिन कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती ही जा रही है। अब आगरा के बार काउंसिल की पहली महिला प्रमुख को गोली मार दी गई है। अब कानून के धारक भी सुरक्षित नहीं हैं।”
मायावती ने जताई नाराजगी- वहीं मायावती ने इस मामले पर कहा कि यूपी बार कौन्सिल की नवनिर्वाचित अध्यक्ष दरवेश यादव की आगरा कोर्ट परिसर में जघन्य हत्या अति-दुःखद व अति-निन्दनीय। साथ ही शामली में पुलिस द्वारा पत्रकारों की अकारण पिटाई जैसी घटनायें साबित करती हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी के शासन में अराजकता व जंगलराज और भी ज्यादा बढ़ गया है। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि जब कानून की पैरवी करने वालों की स्थिति यह है तो आम जनता कितनी सुरक्षित होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।