अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कानून-व्यवस्था से लेकर औद्योगिक विकास में सरकार शून्य का सफर तक तय करने में विफल हुई। बीता साल अपराध और अपराधियों के नाम रहा। छोटी बच्चियों के साथ जिस तरह रेप, गैंगरेप, दरिंदगी के साथ हत्याएं हुईं। हाथरस की बेटी के मामले में जिस तरह शासन के साथ स्थानीय प्रशासन उसे कापनिक व बाद में ऑनर किलिंग बताता रहा। सीबीआई की चार्जशीट के बाद सरकार के मुंह पर जबर्दस्त तमाचा पड़ा। उसके बाद भी सरकार कुछ सीखने के स्थान पर झूठ के सहारे अपनी छवि चमकाने के लिये झूठ से भरे आंकड़ों के विज्ञापन जारी कर रही है।
उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास ठप : अजय कुमार लल्लू
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास ठप है। इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर जनता के सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। एक भी उद्योग धरातल पर आकार नहीं ले पाया। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण काल में सरकार की घोषणाएं कागजी साबित हुईं। कोरोना के नाम पर आम जनमानस के साथ दुर्व्यवहार होता रहा, वहीं सरकार अस्पतालों में व्यवस्था के नाम पर गुणवत्ताहीन पीपीई किट खरीदकर कर भ्रष्टाचार करती रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास ठप है। इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर जनता के सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। एक भी उद्योग धरातल पर आकार नहीं ले पाया। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण काल में सरकार की घोषणाएं कागजी साबित हुईं। कोरोना के नाम पर आम जनमानस के साथ दुर्व्यवहार होता रहा, वहीं सरकार अस्पतालों में व्यवस्था के नाम पर गुणवत्ताहीन पीपीई किट खरीदकर कर भ्रष्टाचार करती रही है।
किसान आंदोलन पर बोले
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि तीनों काले कृषि कानूनों के विरोध में लामबंद किसानों का उत्तर प्रदेश में उत्पीड़न यहां तक किया गया कि आंदोलन में शामिल होने की कीमत पर उन्हें देशद्रोह के मुकदमों में फर्जी तरीके से फंसाया और भारी जुर्माने का नोटिस थमाया गया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती अवश्य है किन्तु सच्चाई यह है कि वह उसके पेट की रोटी भी छीनकर चंद उद्योगपति मित्रों के हवाले करने में हिचक नहीं दिखा रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि तीनों काले कृषि कानूनों के विरोध में लामबंद किसानों का उत्तर प्रदेश में उत्पीड़न यहां तक किया गया कि आंदोलन में शामिल होने की कीमत पर उन्हें देशद्रोह के मुकदमों में फर्जी तरीके से फंसाया और भारी जुर्माने का नोटिस थमाया गया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती अवश्य है किन्तु सच्चाई यह है कि वह उसके पेट की रोटी भी छीनकर चंद उद्योगपति मित्रों के हवाले करने में हिचक नहीं दिखा रही है।