ये भी पढ़ें- अयोध्या जाने के सभी रास्ते बंद, पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद, रंजन गोगोई ने डीजीपी ओपी सिंह से की मुलाकात नोटिस मिलने के सवाल पर कहा यह- ऊर्जा मंत्री द्वारा भेजे गए मानहानि के नोटिस के जवाब पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने साफ कहा कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि नोटिस के बारे में सिर्फ मीडिया के जरिय जानकारी मिली है, लेकिन मेरे पास कोई नोटिस नहीं आया है। अगर नोटिस आएगा तो उसका विधिक जवाब दिया जाएगा।
ये भी पढ़ें- सीएम योगी ने किया इसका शुभारंभ, तो लोग करने लगे अखिलेश-मुलायम को धन्यवाद ऊर्जा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की- अजय कुमार लल्लू ने ऊर्जा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि वे कहते हैं कि मामला उनके संज्ञान में नहीं था। जबकि 2017 के बाद ही सारे निवेश किये गए। उन्होंने कहा कि पूरी सरकार मामले में लिप्त हैं। सिर्फ विभागीय अधिकारियों की देखरेख में इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता। क्या ऊर्जा मंत्री सिर्फ बैठकर देख रहे थे? उन्हें प्रदेश की जनता व कर्मचारियों को जवाब देना होगा। हमने उनसे टेंडर की प्रकिया क्यों नहीं अपनाई गई, पीएफ नियमों का पालन क्यों नहीं हुआ, बैठक में शामिल कौन-कौन था, जैसे 9 सवाल पूछे थे। उसका जवाब नहीं मिला है।
जनता को गुमराह करने का लगाया आरोप-
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि यूपी सरकार लगातार डीएचएफएल मामले को सही ढंग से प्रदेश की जनता के सामने रखने के बजाए केवल गुमराह कर रही है। वह 2600 करोड़ रुपये के निवेश की सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मांग थी कि ऊर्जा मंत्री, सीएमडी, एमडी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए, लेकिन सरकार सिर्फ जीरो टॉलरेंस की बात करती रही। मुख्यमंत्री भी यही बाते दोहराते रहे लेकिन नाक के नीचे भ्रष्टाचार होता रहा।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि यूपी सरकार लगातार डीएचएफएल मामले को सही ढंग से प्रदेश की जनता के सामने रखने के बजाए केवल गुमराह कर रही है। वह 2600 करोड़ रुपये के निवेश की सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मांग थी कि ऊर्जा मंत्री, सीएमडी, एमडी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए, लेकिन सरकार सिर्फ जीरो टॉलरेंस की बात करती रही। मुख्यमंत्री भी यही बाते दोहराते रहे लेकिन नाक के नीचे भ्रष्टाचार होता रहा।