इक्बाल अंसारी (Iqbal Ansari) ने कहा कि वे खुश है कि आखिरकार अयोध्या विवादित जमीन पर फैसला सुनाया गया। वे फैसले का सम्मान करते हैं। वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने फैसले पर असहमति जातते हुए कहा कि वे फैसले से पूरी तरह से सहमत नहीं है। इसे लेकर आगे विचार करेंगे।
अदालत के फैसले का स्वागत: मौलाना यासूब अब्बास ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि वे अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं। वह अपने देश की अदालत और अदलिया के साथ हैं। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि वे ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक की राय पर भी ध्यान देंगे। जो ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड की राय होगी वहीं ऑल इंडिया पर्सनल शिया बोर्ड की राय होगी।
शिया मरकज़ी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने देश की जनता से आपसी भाईचारा और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। साथ ही ये भी कहा कि 130 करोड़ भारतीय व हिंदूस्तानियों की जीत हुई है।
निर्णय सिर आंखों पर: हाजी महबूब बाबरी मस्जिद पक्षकार हाजी महबूब ने कहा किकोर्ट का जो भी निर्णय है वह सिर आंखों पर। मन में कोई निराशा का भाव नहीं है। कोर्ट ने जो फैसला दिया वो ठीक है। इस पर एतराज नहीं।
करेंगे विचार विमर्श: महंत स्वामी दिनेन्द्रदास निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज होने पर महंत स्वामी दिनेन्द्रदास ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि पंच बैठेंगे और उस पर विमर्श करके मंथन करेंगे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि राम जन्मभूमि अयोध्या में है इस पर कोई विवाद नहीं है। इससे बढ़कर और कोई बात हमारे लिए नहीं हो सकती।
सुबूत के आधार पर जजोंं ने लिया फैसला: महंत देव्या गिरि लखनऊ में मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरि ने कहा कि देश के सबसे बड़े कानून के मंदिर से फैसला आया है। जजों ने आस्था के बजाय सुबूत के आधार पर जजोंं ने फैसला किया। फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने सारी बातें मद्देनजर रखकर लिया फैसला: मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि कोर्ट ने सारी बातें मद्देनजर रखकर फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि वे शुरू से ही यह कहते आए हैं कि जो भी फैसला होगा उसे स्वीकार किया जाएगा। सभी से यही अपील है कि वो सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखें। हमारी जो भी लीगल कमेटी है वो पूरे जजमेंट पर स्टडी करेंगी उसके बाद कोई फाइनल स्टेटमेंट मुस्लिम आर्गनाइजेशन की तरफ से दिया जाएगा। यह सबका अंतिम फैसला है कि सब लोग अमन बनाए रखें।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शनिावर को सदी के सबसे एतिहासिक फैसले को सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष अपना कब्जा साबित करने में नाकाम रहा। विवादित ढांचे की जमीन हिंदू पक्ष को सौंपी जाएगी।