महाकुंभ मेले सुरक्षा को लेकर ये है तैयारी
महाकुंभ मेले में करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। मेले की सुरक्षा में पुलिस-प्रशासन कोई भी कमी नहीं छोड़नी चाहता है। इसी को लेकर मेला क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर 1200 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही, 30 हजार जवानों की तैनाती तैयारी है। हालांकि, जब एक साथ करोड़ों श्रद्धालु पहुंचेंगे, तो उनमें संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान मैन्युअल तरीके से करना आसान नहीं होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए, मेला क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए एआई का उपयोग करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए एक एआई आधारित सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया जाएगा, जो पूर्व से निर्धारित प्रोग्राम के आधार पर संदिग्धों की पहचान करेगा।
संदिग्धों की ऐसे करेगा पहचान
अगर मेला क्षेत्र में स्थित किसी महत्वपूर्ण स्थान पर कोई व्यक्ति बार-बार देखा जाता है या किसी निश्चित समय के दौरान चिह्नित स्थान के आसपास सक्रिय होता है, तो उनकी तस्वीरें सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से कैद की जाएंगी और सॉफ्टवेयर कमांड सेंटर को सतर्क करेगा।महत्वपूर्ण स्थलों पर विशेष ध्यान
इसके बाद, कमांड सेंटर से मेले में तैनात पुलिसकर्मियों को संदिग्धों की तस्वीरें भेजी जाएंगी, ताकि उन्हें ट्रेस कर जांच की जा सके। सॉफ्टवेयर में मेला क्षेत्र के महत्वपूर्ण स्थलों की सूची पहले से ही डाली गई होगी। इस प्रकार, संदिग्धों की पहचान और उन्हें ट्रेस करना संभव होगा। यह भी पढ़ें
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ऐसे करता है काम
इस तकनीक में खतरनाक व्यवहार का पता लगाने के लिए बड़ी मात्रा में डाटा का विश्लेषण किया जाता है।इसमें वीडियो निगरानी विश्लेषण, चेहरे की पहचान और भावना विश्लेषण, भीड़ व्यवहार विश्लेषण आदि शामिल हैं।
वीडियो निगरानी विश्लेषण में व्यवहार संबंधी विसंगति का पता लगाना शामिल है।
इसके तहत एआई मॉडल को वीडियो फीड में गति के सामान्य पैटर्न को पहचानने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है।
जब इन पैटर्न से विचलन होता है (जैसे, घूमना, प्रतिबंधित क्षेत्रों में दौड़ना या असामान्य भीड़ ) तो एआई इसे संदिग्ध गतिविधि के रूप में चिह्नित कर सकता है।
इसी तरह ऑब्जेक्ट डिटेक्शन और ट्रैकिंग में एआई मॉडल सार्वजनिक स्थानों पर लावारिस बैग या हथियार जैसी वस्तुओं की पहचान कर सकता है।