मामला यह है मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (एडी) बेसिक ने बताया कि, मंडलीय उप निरीक्षक उर्दू राकेश कुमार व मंडलीय समन्वयक मिड-डे मील राकेश कुमार पाराशर ने छह मई को प्राथमिक विद्यालय नगला सुरई जैतपुर कलां का निरीक्षण किया। तो पता चला कि, प्रधानाध्यापिका सुमन सिंह अनुपस्थित थीं। उपस्थिति पंजिका देखी गई तो जानकारी में आया कि, 29 अप्रैल से बिना सूचना के विद्यालय से अनुपस्थित हैं। उपस्थिति पंजिका में 28 अप्रैल को आकस्मिक अवकाश अंकित मिला। पत्र व्यवहार पंजिका में आकस्मिक अवकाश दर्ज नहीं था। मिड-डे मील और छात्रों की उपस्थिति पंजिका मंगा गया तो शिक्षक-शिक्षामित्रों ने बताया कि, सभी जरूरी कागजात प्रधानाध्यापिका के पास ही हैं।
किराए की टीचर ने दिए जवाब जब पूछताछ की गई तो सहायक अध्यापक मनीष कुमार, शिक्षामित्र अंजू, ऊषा ने जांच टीम को बताया कि, प्रधानाध्यापिका पूनम सिंह की जगह एक लड़की पढ़ाती है। लड़की मौके पर मौजूद थी। लड़की बताया कि, वह अक्तूबर, 2021 से विद्यालय में पढ़ा रही है। इसके एवज में पांच हजार रुपए प्रति माह मिलते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि, कभी प्रधानाध्यापिका को नहीं देखा है।
बीईओ की भूमिका संदिग्ध – एडी बेसिक एडी बेसिक ने सफाई देते हुए कहाकि, बीईओ की भूमिका संदिग्ध है, स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। निदेशक को रिपोर्ट देकर कार्रवाई की संस्तुति करेंगे।