अमित शाह ने किया नाम का प्रस्ताव गुरुवार को योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुना गया। केन्द्रीय गृहमन्त्री और यूपी के पर्यवेक्षक अमित शाह ने उनके नाम का प्रस्ताव दिया। जिसे सर्वसम्मति से विधायकों ने पारित किया। शाम छह बजे योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके पहले लोक भवन में विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए अमित शाह गुरुवार को लखनऊ पहुंचे। सह-पर्यवेक्षक रघुवर दास के अलावा बीजेपी के 255 और बाकी सहयोगी दल के विधायक बैठक में मौजूद थे। विधायकों ने कहा विधायक दल के नेता के चुनाव के साथ-साथ सरकार की आगे की दिशा के लिए बेहद जरूरी कि योगी के नेतृत्व में सरकार बने। बैठक से पहले लोक भवन के बाहर मौजूद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी की मूर्ति पर अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य ने माल्यार्पण किया. इसके बाद सभी नेता लोक भवन के अंदर पहुंचे।
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अमौसी एयरपोर्ट पर तैयारी अमौसी एयरपोर्ट अथॉरिटी ने भी शपथ ग्रहण में आने वाले मेहमानों को लेकर तैयार है। पीएम नरेंद्र मोदी विशेष विमान से लखनऊ एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। वहीं ज्यादातर नेता हेलीकॉप्टर और निजी चार्टर प्लेन से आएंग।े जिसकी वजह से लखनऊ एयरपोर्ट से रोजाना उड़ान भरने वाली पैसेंजर फ्लाइट्स प्रभावित ना हो इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इस समस्या से निपटने के इंतजाम किए हैं। योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण में 12 राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम शामिल होंगे। कई वीवीआईपी राजकीय हेलीकॉप्टर से तो कुछ निजी चार्टर प्लेन से पहुंचेंगे। 13 हेलीकॉप्टर व निजी चार्टर प्लेन के लिए की गई एयरपोर्ट के अंदर पार्किंग व्यवस्था की गई है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल को अलर्ट किया गया है। यह भी पढ़ें
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टीम में आधे से अधिक नए चेहरे योगी की नई टीम में आधे से अधिक नए चेहरे होंगे। पुरानी टीम के तीन कद्दावर चेहरों को टीम में मौका नहीं मिलेगा। पार्टी सूत्रों का कहना है, डिप्टी सीएम के पद बढऩे के आसार कम हैं। पुराने डिप्टी सीएम में से एक का दायित्व बरकरार रखने और एक नया चेहरा लाए जाने की चर्चा है। विवादों में बने रहने का नुकसान तीन कैबिनेट मंत्रियों को उठाना पड़ सकता है। सूत्रों का कहना है कि सूची में 47 नाम हैं। जातिगत, क्षेत्रीय संतुलन साधने में भी विभिन्न वर्गों व क्षेत्र के जमीनी व पढ़े लिखे नेताओं की तरजीह मिलेगी। शाही, खन्ना और बेबी रानी का भी नाम 18वीं विधानसभा के अध्यक्ष के लिए भाजपा नेता सूर्य प्रताप शाही, पूर्व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य का नाम चर्चा में है। बेबी रानी राज्यपाल रह चुकी हैं ऐसे में उन्हें मंत्री बनाने की जगह विधानसभा अध्यक्ष का संवैधानिक पद ही देना उचित होगा।