लखनऊ

आखिर 21 साल बाद मिला सचिवालय कर्मियों को न्याय

सीधी भर्ती के कार्मिकों के साथ मिलकर 773 विभागीय कार्मिकों को जूनियर करते हुए गलत सीनियारिटी जारी कर दी गयी थी।

लखनऊJun 03, 2021 / 07:35 pm

Ritesh Singh

आखिर 21 साल बाद मिला सचिवालय कार्मिकों को न्याय

लखनऊ। जोर जुगाड़ के चलते सचिवालय प्रशासन द्वारा किया गया तामझाम अततः आज उच्च न्यायालय ने समाप्त कर दिया है। सीधी भर्ती के 130 सहायक समीक्षा अधिकारियों द्वारा 2004 में उठे विवाद और न्यायालय के आदेश गलत व्याख्या कर सहायक समीक्षा अधिकारी की जो वरिष्ठ सूची जारी की गई उसमें पात्र को लाभ से वंचित कर दिया गया था। ऐसे मेे आज उच्च न्यायालय ने आज सुनाया ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 21 वर्ष पुराने विवाद का पटाक्षेप कर दिया है। सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेन्द्र मिश्रा और ओंकार तिवारी ने इस कर्मचारियों के हक की जीत बताया है। इस प्रकरण में न्यायाधीश एपी शाही की अध्यक्षता वाली लखनऊ बेंच ने मई 2015 में निर्णय दिया था। जो अपने में पूर्ण था किंतु सचिवालय प्रशासन में तत्समय अधिकारियों द्वारा सीधी भर्ती के कार्मिकों के साथ मिलकर 773 विभागीय कार्मिकों को जूनियर करते हुए गलत सीनियारिटी जारी कर दी गयी थी।
इस सम्बंध में कहा रहा है कि सहायक समीक्षा अधिकारी सीधी भर्ती द्वारा वरिष्ठ सूची मामले में वर्ष 2000 में विवाद शुरू हुआ था। मामला 2004 में न्यायालय पंहुचा इसके उपरान्त इस मामलें में 2005 में आए निर्णय की गलत व्याख्या कर लगभग 2023 कार्मिकों को वरिष्ठता सूची में नीचे ढकेल दियाा गया। इस मामले में सचिवालय प्रशासन और संघ स्पेशल अपील में डबल बेंच के समक्ष प्रस्तुत हुए इस पर जो फैसला आया उसके आधार पर एक बार फिर साजिश के तहत 773 कार्मिकों को वरिष्ठता से वंचित कर दिया गया। अब जबकि एक बार फिर उच्च न्यायालय ने इस मामले में स्पष्अ आदेश दिया ओर कहा है कि इन्हें अगस्त 1990 की तिथि से वरिष्ठता का लाभ दिया जाए।
लेकिन अब प्रश्न यह उठता है कि सचिवालय प्रशासन की हठधार्मिता के चलते लाभ से वंचित रहे वे सचिवालय कर्मी जो अब सेवा निवृत्त हो चुके है जिनकी संख्या लगभग चार सौर है उनके हकों में डालने वाले अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की जाएगी। बहरहाल अब इस आदेश के आदेश के बाद सैकड़ों की संख्या में सचिवालय कार्मिकों की पदोन्नति होगी और सचिवालय प्रशासन में रिक्त चल रहे लगभग 200 अनुभाग अधिकारियों की पूर्ति अतिशीघ्र हो जाएगीं। क्योंकि न्यायालय ने अपने आदेश में उक्त कार्मिकों को 6 अगस्त 1990 से सीनियारिटी का लाभ देने को कहा है। संघ ने न्याय दिलाने में सहयोग के लिए सचिवालय संघ ने अपर मुख्य सचिव हेमंत राव तथा पूर्व अपर मुख्य सचिव, सचिवालय प्रशासन महेश कुमार गुप्ता का आभार जताया ।

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