खुद भरें अपनी मकान की डिटेल
2014 में सेल्फ अस्सेस्मेंट लागू किया गया था। ड्रोन से हो रहे सर्वे के दौरान एक बार फिर इस व्यवस्था को दोहराया जाएगा। जिस वार्ड में सर्वे किया जाएगा वहां एक दिन पहले ही लोगों को पीले और लाल पर्चे (अस्सेस्मेंट फॉर्म) बाँट दिए जाएंगे। उसके बाद लोग खुद उसमें अपने मकान या बिल्डिंग की जानकारी भर सकेंगे।
2014 में सेल्फ अस्सेस्मेंट लागू किया गया था। ड्रोन से हो रहे सर्वे के दौरान एक बार फिर इस व्यवस्था को दोहराया जाएगा। जिस वार्ड में सर्वे किया जाएगा वहां एक दिन पहले ही लोगों को पीले और लाल पर्चे (अस्सेस्मेंट फॉर्म) बाँट दिए जाएंगे। उसके बाद लोग खुद उसमें अपने मकान या बिल्डिंग की जानकारी भर सकेंगे।
इससे होंगे डबल फायदे
अधिकारियों का मानना है ऐसा करने से दो फायदे होंगे। पहला की फॉर्म में वो सब जानकारियां होंगी जिसकी ज़रुरत सर्वे करने वाली कंपनी को होगी। दूसरा ये की ड्रोन से हुए सर्वे और फॉर्म की जानकारियों को आपस में मैच किया जा सकेगा। इससे रिवाइज्ड टैक्स बनाने में आसानी होगी।
अधिकारियों का मानना है ऐसा करने से दो फायदे होंगे। पहला की फॉर्म में वो सब जानकारियां होंगी जिसकी ज़रुरत सर्वे करने वाली कंपनी को होगी। दूसरा ये की ड्रोन से हुए सर्वे और फॉर्म की जानकारियों को आपस में मैच किया जा सकेगा। इससे रिवाइज्ड टैक्स बनाने में आसानी होगी।
अपर नगर आयुक्त पीके श्रीवास्तव ने कहा कि सर्वे के दौरान पर्चे पहले ही बाँट देने से सर्वे में गलती की संभावनाएं कम हो जाएगी। ये पायलट प्रोजेक्ट है इसमें हम संभव प्रयोग कर सकते हैं। बढे हुए टैक्स की दरों से बाद में न निगम और न ही प्रॉपर्टी धारक को दिक्कत होगी।
सर्वे का कार्य कर रही कंपनी कैरिटस इको सिस्टम के मैनेजर ज्योति प्रकाश ने कहा कि इस चुनाव को हमने संज्ञान में लिया है। इसपर विचार हो रहा है। फॉर्म में अधिकतर वो जानकारियां होंगी जो बाद में हम मैन्युअली कलेक्ट करेंगे। हमे भी इस प्रयोग से फ़ायदा मिलेगा और साथ ही सर्वे डबल चेक हो सकेगा।