माया की अपने ससुराल में अंतिम संस्कार की अपील
जानकीपुरम चौधरी पुरवा की निवासी माया रावत की शादी इटौजा निवासी सतीश से हुई थी। दोनों के बीच पिछले दस वर्षों से एक कानूनी मामला चल रहा था। गुरुवार को माया कोर्ट में अपने केस की पैरवी के लिए आई थीं, लेकिन शाम करीब पांच बजे उन्होंने कोर्ट की दो बिल्डिंगों को जोड़ने वाले ब्रिज से कूदकर अपनी जान दे दी।
फेसबुक लाइव पर आखिरी संदेश
फेसबुक लाइव के दौरान माया ने कहा कि उसके जिंदा रहते किसी ने उसकी बात नहीं सुनी, लेकिन मरने के बाद उसकी इच्छा पूरी की जाए। उसने यह भी कहा कि उसके शव को मायके न भेजा जाए, बल्कि उसका अंतिम संस्कार ससुराल में किया जाए। माया ने अपने छोटे भाई इंद्रपाल के लिए डेढ़ लाख रुपये ससुराल वालों से लेकर देने की बात भी कही, क्योंकि भाई ने उसके इलाज में काफी पैसा खर्च किया था। अंत में माया ने सभी को अंतिम प्रणाम किया।
वकीलों ने बचाने की कोशिश
इस घटना के दौरान कोर्ट परिसर में मौजूद वकीलों ने माया को बचाने का प्रयास किया और शोर मचाया, लेकिन तब तक माया ने छलांग लगा दी थी। पुलिस ने माया को गंभीर हालत में बलरामपुर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। माया रावत के इस कदम ने न्याय न मिलने की उसकी निराशा और मरने के बाद शांति की तलाश को उजागर किया।