मुख्यमंत्री योगी ने परंपरागत उद्योगों को नई पहचान दिलाने के लिए एक जिला, एक उत्पाद कार्यक्रम की शुरूआत की थी। जिस कारण प्रदेश का निर्यात 86 हजार करोड़ से बढ़कर एक लाख 56 हजार करोड़ हो गया है। अब इसे और विस्तार रूप देने के लिए वैश्विक बाजार में ई मार्केट के माध्यम से और आगे बढ़ाने की योजना है। एमएसएमई ग्लोबल मार्ट व्यवसाय, टेक्नोलॉजी, वित्तीय सम्बंधित सूचनाएं उपलब्ध कराएगा।
डिजिटल मौजूदगी के जरिए यह भारतीय लघु एवं मध्यम उद्यमों की प्रमुख कोर क्षमता को भी प्रदर्शित करेगा। जो एक व्यवसाय से व्यवसाय तक (बी 2 बी) संपूर्ण वेब पोर्टल है। ये सेवाएं वार्षिक सदस्यता के जरिए उपलब्ध होंगी। पोर्टल पर 87 कैटेगरी के 86,734 उत्पाद उपलब्ध हैं। साथ ही, 1.89 लाख सदस्य और 1.80 लाख प्रोफाइल रजिस्टर्ड हैं।
अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि भारत का सबसे तेजी से बढ़ता आनलाइन बाजार है, जो एक साथ कई व्यवसायों को एक ही मंच पर उत्पादों और सेवाओं को खरीदने, बेचने या तुलना करने का अवसर देता है। इससे यूपी के एमएसएमई को अपने उत्पादों या सेवाओं को खरीदने, बेचने के लिए एक और प्लेटफार्म उपलब्ध होगा। इस बाबत हम जल्द एनएसआईसी से एमओयू करने वाले हैं। साथ ही एमएसएमई को पोर्टल पर रजिस्टर्ड कराने के लिए सभी प्रकार के सहयोग और सहायता उपलब्ध कराएंगे।
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