इसी तरह बांदा के ग्राम सिलेहटा में अनियमितताओं पर चकबंदी अधिकारी शैलेंद्र श्रीवास्तव को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है। इसी ग्राम के संबंध में अनियमितताओं के लिए पूर्व में निलंबित सहायक चकबंदी अधिकारी अरुण नारायण सिंह के खिलाफ अतिरिक्त आरोप पत्र जारी करने और तत्कालीन चकबंदीकर्ता कामता प्रसाद, संप्रति सहायक चकबंदी अधिकारी को अनियमितता के लिए निलंबित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिये गये।वहीं चकबंदी लेखपाल विकास सिंह, जो पूर्व से इसी ग्राम में अनियमितताओं के लिए निलंबित हैं, उनके खिलाफ अतिरिक्त आरोप पत्र जारी करने के निर्देश दिये गये हैं। इसी तरह चकबंदी अधिकारी राणा प्रताप (जो पूर्व से ही निलंबित हैं), उनके खिलाफ भी अतिरिक्त आरोप पत्र निर्गत करने के निर्देश दिये गये।
किसानों की शिकायत पर हुई कार्रवाई
चकबंदी आयुक्त ने बताया कि बिजनौर में चल रही चकबंदी में अनियमितता को लेकर विभिन्न गांवों के किसानों ने शिकायत की थी। इस पर जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट के बाद निदेशालय स्तर पर समिति गठित कर जांच कराई गई। जांच में चकबंदी के दौरान अनियमितता की शिकायत सही मिलने पर तत्कालीन बंदोबस्त अधिकारी विजय कुमार, सम्प्रति बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी मुजफ्फरनगर को निलंबित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिये। साथ ही उप संचालक चकबंदी को अनियमितताओं को दूर करने के निर्देश दिये गये। इसके अलावा गोंडा के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी देवेंद्र सिंह को वादों के निस्तारण न करने एवं शिथिल पर्यवेक्षण पर अनुशासनिक कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।लेखपाल के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
चकबंदी आयुक्त ने बताया कि लखनऊ नगर निगम के अपर नगर आयुक्त ने अपने यहां संबद्ध मिर्जापुर के चकबंदी लेखपाल राजेंद्र कुमार यादव द्वारा अनियमितताओं की शिकायत की थी। इस पर सम्बद्धीकरण तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए मिर्जापुर के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी को लेखपाल के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिये गये। आजमगढ़ जिलाधिकारी की आख्या के आधार पर चकबंदी कार्यों के शिथिल पर्यवेक्षण एवं कार्य में शिथिलता के दोषी चकबंदी अधिकारी (से.नि.) शैल राजीव कमल, सहायक चकबंदी अधिकारी (से.नि.) मोहन लाल श्रीवास्तव, राधेश्याम वर्मा, चक्रधर त्रिगुनायत और जैनेंद्र प्रताप के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिये गये। यह भी पढ़ें