लखनऊ जिले के काकोरी निवासी अब्दुल करीम के पास सोजात नस्ल के तीन बकरे थे। भोपाल से आये एक व्यापारी ने कुर्बानी के लिए करीम से सोजात प्रजाति के दो बकरे 15 लाख रुपए में खरीदे। तीसरे बकरे को अन्य व्यापारी ने 7 लाख रुपए में खरीदा। बकरों की अच्छी रकम मिलने से करीम के घर में बकरीद के मौसम में ईद जैसा माहौल है। अब्दुल करीम इन बकरों को राजस्थान से खरीद कर लाये थे। उस वक्त बकरे छोटे थे। करीम ने घर पर ही इनका पालन-पोषण किया।
बकरों को लीवर टॉनिक भी देते थे करीम
सोजात प्रजाति राजस्थान में पाये जाने वाले बकरों की एक दुर्लभ नस्ल है। इन बकरों को मुख्यतः इनके मीट के लिए पसंद किया जाता है। अब्दुल करीम डेढ़ साल पहले 70-70 हजार रुपए में तीन बकरों को खरीदा था। करीम कहते हैं कि उन्होंने बकरों की घर विशेष देखभाल की। इन्हें खाने को अनाज दिया। अब्दुल करीम आगे बताते हैं कि हर बकरे को एक समय पर 5 किलो खाना दिया जाता था। खाने के बाद उन्हें नियमित रूप से लीवर टॉनिक भी दी जाती थी। तीनों बकरे लखनऊ में ही बड़े हुए हैं। बकरों की नियमित मसाज भी की जाती थी।
सोजात प्रजाति राजस्थान में पाये जाने वाले बकरों की एक दुर्लभ नस्ल है। इन बकरों को मुख्यतः इनके मीट के लिए पसंद किया जाता है। अब्दुल करीम डेढ़ साल पहले 70-70 हजार रुपए में तीन बकरों को खरीदा था। करीम कहते हैं कि उन्होंने बकरों की घर विशेष देखभाल की। इन्हें खाने को अनाज दिया। अब्दुल करीम आगे बताते हैं कि हर बकरे को एक समय पर 5 किलो खाना दिया जाता था। खाने के बाद उन्हें नियमित रूप से लीवर टॉनिक भी दी जाती थी। तीनों बकरे लखनऊ में ही बड़े हुए हैं। बकरों की नियमित मसाज भी की जाती थी।
बकरों की देखभाल के लिए नौकरी पर रखे थे तीन लोग
करीम ने कहा कि जब हम बकरों को राजस्थान से लाये थे, तब उनकी उम्र करीब 4 महीने और वजन 17 से 18 किलो था। खास तरह की खातिरदारी से बकरों का वजन 210-220 किलोग्राम हो गया था। करीम ने बकरों की देखभाल के लिए तीन लोगों को नौकरी पर रखा था। बता दें कि इससे पहले भी अब्दुल करीम बकरों की कई प्रजातियों के बकरे पाल चुके हैं, लेकिन सबसे अधिक देखभाल और सबसे महंगे दाम पर सोजात प्रजाति के बकरे ही बिकते हैं।
करीम ने कहा कि जब हम बकरों को राजस्थान से लाये थे, तब उनकी उम्र करीब 4 महीने और वजन 17 से 18 किलो था। खास तरह की खातिरदारी से बकरों का वजन 210-220 किलोग्राम हो गया था। करीम ने बकरों की देखभाल के लिए तीन लोगों को नौकरी पर रखा था। बता दें कि इससे पहले भी अब्दुल करीम बकरों की कई प्रजातियों के बकरे पाल चुके हैं, लेकिन सबसे अधिक देखभाल और सबसे महंगे दाम पर सोजात प्रजाति के बकरे ही बिकते हैं।