ये भी पढ़ें- इस गुनाह के लिए देश से माफ़ी मांगो : संजय सिंह
संजय सिंह ने कहा कि यह भाजपा का न्यू इंडिया है, जहां ज़िंदा रहने पर इलाज नहीं और मौत होने पर नदी में लावारिस की तरह फेंक दिया जायेगा, गिद्धों के हवाले। उन्होंने कहा कि बिहार का जिलाधिकारी कह रहा है “35 लावारिस लाशें यूपी से आई।” यूपी बिहार में ऐसी सैंकड़ों लावारिस लाशें मिल रहीं हैं, जिनको शमशान नसीब नहीं।
संजय सिंह ने कहा कि यह भाजपा का न्यू इंडिया है, जहां ज़िंदा रहने पर इलाज नहीं और मौत होने पर नदी में लावारिस की तरह फेंक दिया जायेगा, गिद्धों के हवाले। उन्होंने कहा कि बिहार का जिलाधिकारी कह रहा है “35 लावारिस लाशें यूपी से आई।” यूपी बिहार में ऐसी सैंकड़ों लावारिस लाशें मिल रहीं हैं, जिनको शमशान नसीब नहीं।
योगी सरकार का ये कृत्य बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है: संजय सिंह संजय सिंह ने कहा कि इस सरकार में मरने वालों का अंतिम संस्कार रीति रिवाज के अनुसार नहीं हो पा रहा है। कानपुर में गंगा के किनारे 1000 से ज्यादा शवों को दफनाया जा चुका है। गंगा किनारे का हाल काफी डरावना हो गया है। हर दूसरे कदम पर एक शव को दफना दिया गया है। गाजीपुर जनपद में गंगा घाट के किनारे नदी से बहकर आई लाशों का अंबार लगा है। गंगा के घाट पर शवों की बदबू से लोग परेशान हो रहे हैं। कानपुर, उन्नाव, गाजीपुर में बहती हुई लाशें बता रही है कि योगी सरकार में कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है। उन्हें लावारिस बताकर नदी, नालों में फेंक दिया जा रहा है। योगी सरकार का ये कृत्य बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
ये भी पढ़ें- पंचायत चुनाव में पहली बार उतरी आम आदमी पार्टी को जनता ने दिया भरपूर प्यार : संजय सिंह सरकार महामारी में लोगों को राहत नहीं मुहैया करा पा रही-
उन्होंने कहा कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से किनारे पर दफनाए गए शव बहते हुए नदी में मिल जाएंगे, जिससे संक्रमण का खतरा और ज्याद बढ़ जाएगा। सरकार इस महामारी में लोगों को राहत नहीं मुहैया करा पा रही बल्कि झूठे आंकड़े पेश कर जनता को गुमराह कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतिम संस्कार के लिए प्रति व्यक्ति 5000 रुपए खर्च करने का प्रावधान किया हुआ है, लेकिन इन घटनाओं से स्पष्ट है कि सरकार कागजों पर काम कर रही है जमीन पर कोई काम नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा “सब कुछ ठीक है।”
उन्होंने कहा कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से किनारे पर दफनाए गए शव बहते हुए नदी में मिल जाएंगे, जिससे संक्रमण का खतरा और ज्याद बढ़ जाएगा। सरकार इस महामारी में लोगों को राहत नहीं मुहैया करा पा रही बल्कि झूठे आंकड़े पेश कर जनता को गुमराह कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतिम संस्कार के लिए प्रति व्यक्ति 5000 रुपए खर्च करने का प्रावधान किया हुआ है, लेकिन इन घटनाओं से स्पष्ट है कि सरकार कागजों पर काम कर रही है जमीन पर कोई काम नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा “सब कुछ ठीक है।”
सीएम मीटिंग करते रहे, उधर भाई के कंधे पर संक्रमित ने दम तोड़ दिया-
संजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में तीमारदार मरीज को कंधे पर उठाकर अस्पताल ले जाने को मजबूर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जिस वक्त अफसरों से मीटिंग कर रहे थे ठीक उसी वक्त बाहर कोरोना संक्रमित ने स्ट्रेचर और ऑक्सीजन न मिलने से भाई के कंधे पर दम तोड़ दिया । प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो चुकी । मुख्यमंत्री झूठे आंकड़े और बयानबाजी कर जनता को गुमराह कर रहे है । अपने प्रचार के लिए योगी आदित्यनाथ बार-बार जिस राम नगरी का नाम लेते हैं वहां भी लोग ऑक्सीजन के लिए परेशान हैं। सरकार की नाकामी से राम नगरी में भी ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना का कहर उत्तर प्रदेश में जारी है। हालात बहुत भयावह हो चुके हैं। सरकार लोगों को ऑक्सीजन, बेड उपलब्ध नहीं करा पा रही है और न ही कोई उचित इलाज की व्यवस्था कर पा रही। गांव गांव में कोरोना फैल चुका है। इलाज के अभाव में लोग तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे हैं।
संजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में तीमारदार मरीज को कंधे पर उठाकर अस्पताल ले जाने को मजबूर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जिस वक्त अफसरों से मीटिंग कर रहे थे ठीक उसी वक्त बाहर कोरोना संक्रमित ने स्ट्रेचर और ऑक्सीजन न मिलने से भाई के कंधे पर दम तोड़ दिया । प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो चुकी । मुख्यमंत्री झूठे आंकड़े और बयानबाजी कर जनता को गुमराह कर रहे है । अपने प्रचार के लिए योगी आदित्यनाथ बार-बार जिस राम नगरी का नाम लेते हैं वहां भी लोग ऑक्सीजन के लिए परेशान हैं। सरकार की नाकामी से राम नगरी में भी ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना का कहर उत्तर प्रदेश में जारी है। हालात बहुत भयावह हो चुके हैं। सरकार लोगों को ऑक्सीजन, बेड उपलब्ध नहीं करा पा रही है और न ही कोई उचित इलाज की व्यवस्था कर पा रही। गांव गांव में कोरोना फैल चुका है। इलाज के अभाव में लोग तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे हैं।