61 ने पिथौरागढ़ नहीं किया ज्वाइन
उत्तराखंड के चमोली में 40, पौड़ी में 08, दून में 01,उत्तरकाशी में 12, यूएसनगर में 07, बागेश्वर में 20, रुद्रप्रयाग में 07 ने नियुक्ति पत्र पाने के बाद इस्तीफा दे दिया। वहीं, दूसरी ओर पौड़ी में 34, नैनीताल में 16, यूएसनगर में 58, अल्मोड़ा में 33, पिथौरागढ़ में 61, बागेश्वर में 24 और चम्पावत में 17 ,रुद्रप्रयाग में 09 और हरिद्वार में 08 चयनित अभ्यर्थियों ने अब तक तैनाती नहीं ली। ये भी पढ़ें-
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सलेक्शन के बाद शिक्षक पद पर नौकरी न करने और इस्तीफा देने की प्रमुख वजह सुगम क्षेत्र के स्कूल में तैनाती की चाहत के रूप में भी सामने आ रही है। कुछ अभ्यर्थियों किे मुताबिक इस वर्ष सभी जिलों में एक साथ काउंसलिंग कराई गई हैं। पहले अलग अलग तिथि होने की वजह से अभ्यर्थियों को अपनी पंसद के जिले के साथ दूसरे जिलों की काउंसलिंग में भी शामिल होने का मौका मिल जाता था। इस बार अधिकांश बेरोजगारों ने एक से ज्यादा जिलों में आवेदन किया था। इसलिए एक जिले में चयन होने के बाद नौकरी सुरक्षित हो जाती है। उसके बाद यदि दूसरे अपेक्षाकृत सुगम जिले में आने का मौका मिलता है तो वहां की दूसरी काउंसलिंग में शामिल हो जाते है।