किशोरों और युवाओं तक पहुंच बनाना व सोच में बदलाव लाना जरूरी : डॉ. पिंकी
इस वर्कशॉप में भाग लेने के लिए एक ही छत के नीचे 500 बच्चे एकत्र हुए। इन 500 बच्चों में से 120 बच्चे एक एनजीओ से थे, जिन्हें कलात्मक प्रतिभा को निखारने और प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर मिला। इको-फ्रेंडली मूर्ति बनाने की वर्कशॉप का आयोजन बच्चों को मिट्टी का उपयोग करके गणेश मूर्तियों को तैयार करने की कला से परिचित कराने के लिए किया गया था।275 करोड़ रुपए से उत्तर प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त बना रही योगी सरकार
बच्चों ने न केवल मिट्टी के साथ रचनात्मक प्रक्रिया सीखी, बल्कि आकर्षक गणेश कथाओं की कल्पना में भी डूबे रहे। इन बच्चों ने उत्साहपूर्वक कार्यशाला में भाग लिया और मिट्टी का उपयोग करके सुंदर गणेश मूर्तियां बनाईं और उन्हें बहुत ही रचनात्मक तरीके से सजाया। बच्चों ने कला का एक नया रूप सीखा, प्रकृति के प्रति प्रेम, रीसाइक्लिंग और रियूज के महत्व को समझा। वर्कशॉप का माहौल रचनात्मकता और उत्सव से भरा था।अयोध्या बिजली मीटर प्रकरण में फंसेगी कई अफसर की गर्दन, जानिए कैसे
शालीमार कॉर्प के निदेशक कुणाल सेठ ने सफल कार्यशाला पर टिप्पणी करते हुए कहा, “हमारा मानना है कि वर्तमान पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने के लिए जागरूक करना करना, उन्हें पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करना और उनमें घर पर इको-फ्रेंडली मूर्तियां बनाने का जुनून पैदा करना बहुत महत्वपूर्ण है।
इस आयोजन के माध्यम से इन यंग लीडर्स को पर्यावरण के अनुकूल गणेश चतुर्थी मनाने और पारिस्थितिक संतुलन के विचार को बढ़ावा देने और प्रदूषण को कम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।