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बिना परीक्षा सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका, ITDC ने निकाली बंपर भर्ती, तुरंत अप्लाई करें टीले वाली मस्जिद के सामने प्रतिमा को स्थापित करने की थी मांग गौरतलब है कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही लखनऊ में भगवान श्रीलक्ष्मण की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की जा रही थी। उस वक्त टीले वाली मस्जिद के सामने प्रतिमा को स्थापित करने की मांग की गई थी। क्योंकि हिंदू संगठनों और संतों का कहना था ये रिकार्ड में लक्ष्मण का टीला के नाम से दर्ज है और इसी स्थान पर प्रतिमा को लगाया जाना चाहिए। हालांकि दूसरी तरफ महापौर संयुक्ता भाटिया ने साफ कर दिया था कि पुराने लखनऊ के लक्ष्मण टीला स्थान पर लक्ष्मण की प्रतिमा नहीं लगाई जाएगी। क्योंकि यहां लगाने को लेकर पूर्व में विवाद हो चुका है। लेकिन अब नगर निगम ने जगह का चयन कर लिया है। इसके साथ ही इसका बजट भी पारित हो गया है।
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KVS Admissions 2022: केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन के नियम बदले, सोर्स सिफारिश खत्म, आसानी से मिलेगा दाखिला मुस्लिम संगठनों और धर्मगुरुओं ने किया था विरोध गौरतलब है कि लखनऊ में लक्ष्मण की प्रतिमा का प्रस्ताव रखने का प्रस्ताव बीजेपी के पार्षद रामकृष्ण यादव ने रखा था कि प्रतिमा को टीले वाली मस्जिद के पास स्थापित करना चाहिए। क्योंकि आज भी उस स्थान को लक्ष्मण के टीले के नाम से जाना जाता है। उनका का दावा था कि लक्ष्मण का टीला भूमि अभिलेखों में भी दर्ज है। उनका कहना था कि सभी जानते हैं कि लखनऊ को लक्ष्मण के नाम पर बसाया गया था। बीजेपी के दिवंगत नेता लालजी टंडन ने अपनी किताब में टीले वाली मस्जिद के स्थान को प्राचीन लक्ष्मण टीला होने का दावा किया था। लेकिन नगर निगम के इस प्रस्ताव के बाद मुस्लिम संगठनों और धर्मगुरुओं का विरोध करना शुरू कर दिया था।