उत्तर प्रदेश विधान परिषद की जो 12 सीटें खाली हो रही हैं, उनमें पांच समाजवादी पार्टी की, चार भारतीय जनता पार्टी और दो बहुजन समाज पार्टी की हैं। इसके अलावा नसीमुद्दीन सिद्दीकी की भी सीट रिक्त है। नसीमुद्दीन सिद्दीकी बसपा से उच्च सदन गये थे, लेकिन कांग्रेस में शामिल होने के बाद दल-बदल कानून के तहत उनकी विधान परिषद सदस्यता निरस्त कर दी गई थी।
30 जनवरी को इनका खत्म हो रहा कार्यकाल
1. स्वतंत्र देव सिंह- भारतीय जनता पार्टी
2. साहब सिंह सैनी- समाजवादी पार्टी
3. डॉ. दिनेश शर्मा- भारतीय जनता पार्टी
4. लक्ष्मण प्रसाद आचार्य- भारतीय जनता पार्टी
5. अहमद हसन- समाजवादी पार्टी
6. आशु मलिक- समाजवादी पार्टी
7. रमेश यादव- समाजवादी पार्टी
8. राम जतन- समाजवादी पार्टी
9. वीरेंद्र सिंह- समाजवादी पार्टी
10. धर्मवीर सिंह अशोक- बहुजन समाज पार्टी
11. प्रदीप कुमार जाटव- बहुजन समाज पार्टी
12. नसीमुद्दीन सिद्दीकी- (दलबदल कानून के तहत सदस्यता छीन ली गई थी)
1. स्वतंत्र देव सिंह- भारतीय जनता पार्टी
2. साहब सिंह सैनी- समाजवादी पार्टी
3. डॉ. दिनेश शर्मा- भारतीय जनता पार्टी
4. लक्ष्मण प्रसाद आचार्य- भारतीय जनता पार्टी
5. अहमद हसन- समाजवादी पार्टी
6. आशु मलिक- समाजवादी पार्टी
7. रमेश यादव- समाजवादी पार्टी
8. राम जतन- समाजवादी पार्टी
9. वीरेंद्र सिंह- समाजवादी पार्टी
10. धर्मवीर सिंह अशोक- बहुजन समाज पार्टी
11. प्रदीप कुमार जाटव- बहुजन समाज पार्टी
12. नसीमुद्दीन सिद्दीकी- (दलबदल कानून के तहत सदस्यता छीन ली गई थी)
यूपी विधान परिषद में 100 सीटें
विधान परिषद सदस्य का दर्जा विधायक के ही समकक्ष होता है। वर्तमान में यूपी विधान परिषद में 100 सीटे हैं। विधानसभा के एक तिहाई से ज्यादा सदस्य विधान परिषद में नहीं होने चाहिए। प्रदेश में 403 विधानसभा सदस्य हैं। ऐसे में यूपी विधान परिषद में 134 से ज्यादा सदस्य नहीं हो सकते हैं। इसके अलावा विधान परिषद में कम से कम 40 सदस्य होना जरूरी है।
विधान परिषद सदस्य का दर्जा विधायक के ही समकक्ष होता है। वर्तमान में यूपी विधान परिषद में 100 सीटे हैं। विधानसभा के एक तिहाई से ज्यादा सदस्य विधान परिषद में नहीं होने चाहिए। प्रदेश में 403 विधानसभा सदस्य हैं। ऐसे में यूपी विधान परिषद में 134 से ज्यादा सदस्य नहीं हो सकते हैं। इसके अलावा विधान परिषद में कम से कम 40 सदस्य होना जरूरी है।