लखनऊ

इन जिलों में फटा कोरोना बम, कहीं 12 तो कहीं सात व पांच-पांच मामले आए सामने, अधिकांश प्रवासी

अब तक कुल कोविड-19 संक्रमित- 4748
एक्टिव मामले- 1847
डिस्चार्ज हुए- 2783
मृतक- 118

लखनऊMay 19, 2020 / 04:52 pm

Abhishek Gupta

Corona

लखनऊ. यूपी में कोरोना वायरस का संक्रमण अब और तेजी से रफ्तार पकड़ रहा है। 15 अप्रैल से पहले तक जहां प्रतिदिन संक्रमितों का आंकड़ा 100-150 के बीच था तो वहीं अब यह संख्या 200 के करीब पहुंच गई है। हाल के दिनों में ऐसे परिवर्तन का मुख्य कारण प्रवासी हैं, जिनका मुंबई और गुजरात जैसे रेड जोन क्षेत्रों से यूपी आना जारी है। रोजाना ही दर्जनों प्रावासी कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। मंगलवार को भी भारी संख्या में लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। बुलंदशहर में 12 प्रवासी समेत 14 में कोरोना संक्रमण की पुष्टि है। मिर्जापुर में पांच नए मामले सामने आए हैं, यह सभी मुंबई से लौटे थे। गाजीपुर में सात और मरीज मिले हैं। महराजगंज में तीन कामगार संक्रमित मिले हैं। बिजनौर में दो नए मरीज मिले हैं। यह सभी मुंबई से नजीबाबाद के पॉजिटिव आए व्यक्ति के साथ वापस आए थे। मुरादाबाद में पांच नए संक्रमित, इनकी भी मुंबई से वापसी हुई है। फर्रुखाबाद में मिले दो मरीज भी मुंबई से लौटे थे। हरदोई में मिला एक पॉजिटिव भी महाराष्ट्र से वापस लौटा था। इटावा में मिले दो नए मरीज में से एक गुजरात से लौटा था। लखनऊ और संभल में तीन-तीन लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई हैं। देवरिया में चार नए मरीज मिले हैं। यूपी स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव अमित मोहन ने भी प्रावसियों के संक्रमित पाए जानें पर चिंता जताई है। साथ ही ग्राम, मोहल्ला और निगरानी समितियों पर इसके लिए बड़ी जिम्मेदारी होने की बात कही है। प्रदेश में कोरोना वायरस के कुल मामले 4748 हो गए हैं, इनमें 1847 केस सक्रिय हैं। वहीं अब तक 2783 लोग पूरी तरह ठीक होने के बाद डिस्चार्ज हो चुके हैं। अमित मोहन ने बताया कि 24 घंटे में कोरोना वायरस के 237 मामले सामने आए हैं। तो वहीं अब तक प्रदेश में वायरस से कुल 118 मौतें हुई हैं।
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ग्राम, मोहल्ला और निगरानी समिति पर श्रमिकों की रहेगी जिम्मेदारी-
यूपी स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव अमित मोहन ने भी बताया कि बड़ी संख्या में प्रवासियों का आना जारी है। और इनमें से कई लोगों में कोरोना के लक्षण मिले हैं, लेकिन प्रवासियों की स्क्रीनिंग भी लगातार की जाती है। लक्षण मिलने पर 21 दिन के लिए होम क्वारेंटीन किया जाता है। इसके लिए कम्यूनिटी सेंटर्स (ग्राम, मोहल्ला और निगरानी समिति) पर बड़ी जिम्मेदारी है। सभी श्रमिकों को होम क्वारेंटाइन करना बेहद जरूरी है। आशा वर्कर्स द्वारा सर्वेक्षण कराया जा रहा है। अब तक 4,45,812 प्रवासियों की स्क्रीनिंग की गई है। मंगलवार को 117 की रिपोर्ट आई है जिनमें 26 पॉजिटिव हैं। मतलब एक तरह से 22.2 प्रतिशत लोगों में लक्षण पाए गए। ग्राम और मोहल्ला निगकरानी समितियों पर बड़ा दारोमदार है। वे श्रमिकों को होम क्वारेंटीन करना सुनिश्चित करें।
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