Why Vest Called Sando: सैंडो का नाम कहां से आया?
यह कहानी शुरू होती है जर्मनी के एक छोटे से शहर से जहां 1867 में यूजेन सैंडो नामक एक लड़के का जन्म हुआ था। यूजेन सैंडो को बचपन से ही बॉडीबिल्डिंग का शौक था और उन्होंने इसे करियर बना लिया। सैंडो को उनकी बॉडी के लिए प्रसिद्धि मिली। जिसके बाद लोग उनकी परफेक्ट बॉडी देखने के लिए दूर-दूर से आते थे। उन्हें मॉडर्न बॉडीबिल्डिंग का पितामाह भी कहा जाता है। उन्होंने न केवल यूरोप, बल्कि एशिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड तक अपनी बॉडीबिल्डिंग की प्रदर्शनी लगाई थी। भारत में भी 1905 में उनका आना हुआ था। यह भी पढ़ें: कलाकंद कैसे राजस्थान से लेकर देश भर में बना सबकी पसंद, इतिहास में छिपा है राज
कौन थे यूजेन सैंडो
यूजेन सैंडो का जन्म साल 1867 में जर्मनी के प्रशिया में हुआ था। सैंडो जब दस वर्ष के थे, तभी से उन्हें बॉडी बिल्डिंग का शौक चढ़ गया। उन्होंने उसके बाद कई सारी बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिताओं में भाग लिया और अपने बॉडी के ऊपर भी खूब काम किया। यूजेन सैंडो कभी भी पूरा कपड़ा नहीं पहनते थे। उनके इसी ड्रेसिंग स्टाइल पर बनियान का सैंडो पड़ गया। यह भी पढ़ें: क्यों मनाते हैं नया साल, जानिए इसका इतिहास और महत्व