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Banarasi Saree : बनारसी साड़ियों की नहीं है असली नकली पहचान तो अपनाएं ये 4 ट्रिक्स

Banarasi Saree : भारतीय परिधान में साड़ी एक प्रमुख स्थान रखती है, जिसमें महिलाओं के लिए सिल्क की साड़ियां सबसे अधिक प्रिय होती हैं। चाहे वह उत्तर भारत की बनारसी सिल्क हो या दक्षिण भारत की कांजीवरम सिल्क, दोनों ही अपनी विशेषताओं के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध

जयपुरSep 20, 2024 / 03:48 pm

Puneet Sharma

Tips to identify real and fake Banarasi saree

Tips to identify real and fake Banarasi saree

Banarasi Saree : भारतीय परिधान में साड़ी एक प्रमुख स्थान रखती है, जिसमें महिलाओं के लिए सिल्क की साड़ियां सबसे अधिक प्रिय होती हैं। चाहे वह उत्तर भारत की बनारसी सिल्क हो या दक्षिण भारत की कांजीवरम सिल्क, दोनों ही अपनी विशेषताओं के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। बनारसी साड़ी का इतिहास लगभग 2000 वर्ष पुराना है। उत्तर प्रदेश के बनारस, जौनपुर, आजमगढ़, चंदौली और मिर्जापुर में बनारसी साड़ियां (Banarasi Saree) बनाई जाती हैं, जबकि इसका कच्चा माल बनारस से प्राप्त होता है।

इन टिप्स से पहचाने बनारसी साड़ियों को Identify Banarasi saree with these tips

पल्लू की लंबाई

Pallu Length
Pallu Length
बनारसी साड़ी (Banarasi Saree) खरीदते समय उसके पल्लू पर विशेष ध्यान दें। असली बनारसी सिल्क साड़ी का पल्लू सामान्यतः 6 से 8 इंच लंबा होता है। साड़ी की बॉर्डर और पल्लू पर बारीक सिल्क के धागों से की गई कारीगरी होती है, जो न केवल मुलायम होती है बल्कि चमकदार भी होती है। यदि पल्लू पर अमरू, अंबी और दोमक जैसे पैटर्न नजर आते हैं, तो यह असली साड़ी होने का संकेत है।
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खास पैटर्न और कढ़ाई

Exclusive patterns and embroidery
Exclusive patterns and embroidery
असली बनारसी साड़ियों (Banarasi Saree) में एक विशेष प्रकार का पैटर्न होता है, जिसे जरोक्का पैटर्न कहा जाता है। इसमें भारतीय बूटे, पैसली और कई अन्य डिज़ाइन शामिल होते हैं। इन पैटर्न को सिल्क के धागों से अत्यंत बारीकी से कढ़ाई करके साड़ी पर उकेरा जाता है, जो एक शानदार लुक प्रदान करता है।
असली बनारसी साड़ियों में जरी या जरदोजी का काम सोने और चांदी के रंग के बारीक सिल्क धागों से किया जाता है। इसके अतिरिक्त, इनमें अधिकांशतः मुगलिया डिज़ाइन होती हैं, जिसमें अमरू, अंबी और डोमक जैसे मोटिफ्स बनाए जाते हैं।
जीआई टैग से

by GI tag
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बनारसी साड़ियां खरीदते समय डिजाइन, पैटर्न और फैब्रिक की पहचान के साथ-साथ जीआई टैग की जांच करना भी आवश्यक है। आप क्यू आर कोड के माध्यम से साड़ी की संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इन सभी पहलुओं का ध्यान रखते हुए जब आप बनारसी सिल्क की साड़ी का चयन करेंगे, तो आप धोखाधड़ी से बच सकेंगे।
छूकर पहचानें

Identify by touch
Identify by touch
बनारसी साड़ी की पहचान करने के लिए इसे छूकर देखना एक सरल तरीका है। असली बनारसी सिल्क को जब आप उंगलियों से छूते हैं, तो आपको उसमें एक विशेष गर्माहट का अनुभव होगा। इसके साथ ही, बनारसी सिल्क की साड़ी रोशनी के अनुसार अपने रंग को बदलती है। विभिन्न कोणों से देखने पर यह अलग-अलग रंगों में नजर आती है। आप रोशनी के विभिन्न कोणों से रंगों में भिन्नता के आधार पर भी इसे पहचान सकते हैं।

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