क्यों हेता हैं मूड स्विंग्स Why do mood swings occur?
पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स होने नार्मल प्रॉब्लम है, जिसे हार्मोनल परिवर्तनों कहा जाता है। पीरियड्स के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर चेंज होता है। ये हार्मोन मूड को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब इन हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है, तो यह भावनात्मक अस्थिरता (Emotional instability), चिड़चिड़ापन, और गुस्से का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) भी मूड स्विंग्स को प्रेरित कर सकता है। PMS सिंड्रोम है जिसमें मूड स्विंग्स, , चिंता, और शारीरिक लक्षण जैसे कि पेट दर्द और ऐंठन शामिल होते हैं। पीरियड्स के समय इन लक्षणों के साथ, सेरोटोनिन का स्तर भी कम हो सकता है। सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मूड को स्थिर रखने में मदद करता है, और इसकी कमी से चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन हो सकता है।
शारीरिक असुविधाएं, जैसे कि पेट में दर्द और ऐंठन, भी मूड पर असर डाल सकती हैं। दर्द और थकावट शरीर को परेशान कर सकती है, जिससे मानसिक स्थिति प्रभावित होती है। इसके अलावा, तनाव, नींद की कमी, और लाइफस्टाइल के दूसरी चीज़े भी मूड स्विंग्स को बढ़ा सकते हैं। इन सभी कारणों से मिलकर पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स होते हैं, जो सामान्य हैं लेकिन यदि गंभीर हों, तो डॉक्टर से सलाह लेना उपयोगी हो सकता है।
पीरियड्स के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं : What to do and what not to do during periods
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है, ताकि वे आरामदायक महसूस कर सकें और उनके स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव न पड़े। क्या करना चाहिए:
स्वस्थ आहार अपनाएं: अपने भोजन में फल, सब्जियाँ, और अनाज शामिल करें। आयरन और विटामिन से भरपूर खाद्य पदार्थ, जैसे हरी पत्तेदार सब्जियाँ और नट्स खाएं।
हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं है, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहें और पीरियड्स के दौरान होने वाली सूजन कम हो सके।पर्याप्त पानी पीने से पेट की ऐंठन और ऐंठन की समस्या को कम किया जा सकता है। पानी से मांसपेशियों की तंगी कम होती है। हाइड्रेशन रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है, जिससे पीरियड्स के दौरान रक्त प्रवाह नियमित रहता है और अवरोध की संभावना कम होती है।
व्यायाम करें: हल्की व्यायाम, जैसे योग या वॉक, मूड को बेहतर बनाने और ऐंठन को कम करने में मदद कर सकती है। पीरियड्स के दौरान, हल्की व्यायाम आपके शरीर में एंडोर्फिन्स (प्राकृतिक दर्द निवारक) को बढ़ाकर दर्द और असुविधा को कम कर सकती है।विशेष रूप से आरामदायक और स्ट्रेचिंग योगासन, जैसे बालासन (Child’s Pose) या शवासन (Corpse Pose), शरीर को आराम देने और ऐंठन को राहत देने में सहायक हो सकते हैं। तेज़ चलना या हल्की जॉगिंग भी रक्त प्रवाह को बेहतर बनाती है और मांसपेशियों की तंगी को कम करती है।
आराम करें: पर्याप्त नींद और आराम प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। तनाव और थकावट को कम करने के लिए खुद को पर्याप्त आराम दें।
हीट पैड का उपयोग करें: पेट की ऐंठन को कम करने के लिए हीट पैड या गर्म पानी की बोतल का इस्तेमाल करें।
क्या नहीं करना चाहिए:
अत्यधिक कैफीन और चीनी का सेवन न करें: कैफीन और चीनी की अधिकता से मूड स्विंग्स और ऐंठन बढ़ सकती है। इनका सेवन सीमित करें।
अधिक वसायुक्त और प्रोसेस्ड फूड्स से बचें: इन खाद्य पदार्थों से शरीर में सूजन बढ़ सकती है और असुविधा हो सकती है।
भारी वर्कआउट्स से बचें: बहुत अधिक वर्कआउट्स करने से ऐंठन और थकावट बढ़ सकती है। हल्की व्यायाम करें।
तनाव और चिंता से बचें: मानसिक तनाव पीरियड्स के दौरान अधिक असुविधा पैदा कर सकता है। तनाव को कम करने के उपाय अपनाएं जैसे कि ध्यान और गहरी सांस लेना।
दवा का सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के न करें: किसी भी दर्द निवारक दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
इन सुझावों को अपनाकर आप पीरियड्स के दौरान अधिक आरामदायक महसूस कर सकती हैं और अपने स्वास्थ्य का बेहतर ख्याल रख सकती हैं।