गलत टैक्स और तनाव के चलते देश छोड़ रहे करोड़पति
आंकड़ों की बात करें तो बाजार में आर्थिक स्थिरता और ईंधन के दामों में बढ़ोत्तरी और खराब टैक्स व्यवस्था के कारण अकेले भारत के 5000 से अधिक करोड़पति देश छोड़ चुके हैं। तुर्की से करीब चार हजार करोड़पति तो क्रीमिया में लगाए गए प्रतिबंधों से करीब सात हजार करोड़पति रूस छोड़कर चले गए।
आम लोगों की धारणा होती है कि जिनके पास अधिक पैसा होता है उन्हें जीवन में कोई कष्ट नहीं होता। लेकिन ऐसा नहीं है। जोहान्सबर्ग स्थित न्यू वल्र्ड वेल्थ के अनुसार पिछले वर्ष (2018) करीब 108,000 करोड़पति अपना घर और देश छोडऩे को मजबूर रहे जो कि उसके पूर्ववर्ती वर्ष की तुलना में 14 फीसदी अधिक और 2013 की तुलना में दोगुना है। करोड़पतियों की पसंद में ऑस्ट्रेलिया, अमरीका और कनाडा शीर्ष स्थान हैं, जबकि चीन और रूस इनकी पसंद से बाहर है। तीन हजार से अधिक करोड़पतियों ने केवल ब्रिटेन से पलायन किया है जो ब्रेग्जिट और नए कर नियम से परेशान थे।
वेल्थ माइग्रेशन के आंकड़े बताते हैं कि इसके अलावा इन स्थानों पर अपराध, व्यावसायिक अवसरों की कमी या धार्मिक तनाव भी कारण हैं । नाइट फ्रैंक की 2019 रिपोर्ट के अनुसार करीब 26 फीसदी करोड़पति 2019 में अपना देश छोड़कर जा सकते हैं। न्यू वर्ल्ड वेल्थ के रिसर्च हेड एंड्रूय एमोइल्स का कहना है कि करोड़पतियों की पसंदीदा जगह ऑस्ट्रेलिया है क्योंकि वहां सुरक्षा और कोई छिपा टैक्स नहीं है। वहां पिछले 27 वर्षों में कोई वित्तीय संकट भी देखने को नहीं मिला है। 2018 में करोड़पतियों की पसदीदा जगहों में अमरीका का न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स, मियामी और सैन फ्रांसिस्को पसंदीदा विकल्प थे।
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