यदि आपके घर में भी लकड़ी के दरवाजे या कोई ऐसी ही अन्य चीज है और आप चाहते हैं कि मानसून के मौसम में लकड़ी की ये चीजें खराब न हो तो इस मौसम में इन्हें सुरक्षित रखने के कुछ टिप्स हैं, जिनका उपयोग करके आप इन चीजों को खराब होने से बचा सकते हैं। चलिए जानते हैं ये टिप्स…
इस बात का ध्यान रखें
हर कोई जानता है कि समय-समय पर दरवाजे व लकड़ी के सामानों पर पॉलिश करवाना बेहद जरूरी होता है। ऐसे में यदि मानसून के समय में भी चाहते हैं कि लकड़ी के दरवाजे या अन्य चीजें खराब न हो तो फिर मानसून से पहले ही इनको पॉलिश अवश्य करवा लें। इसके पीछे कारण ये है कि ऐसा करने से दरवाजे में मौजूद छोटे सुराख़ (छेद) भर जाते हैं जिसके चलते दरवाजा अंदर से फूलता भी नहीं है। इसके साथ ही फफूंदी की परेशानी भी दूर हो जाती है।
ऑयलिंग या वैक्सिंग करें
बारिश यानि मानसून के दौरान पानी व नमी के चलते लकड़ी से बनी चीजें खास तौर से लकड़ी का दवाजा बहुत जल्दी खराब हो जाता है। ऐसे में मानसून के मौसम में लकड़ी के दरवाजा कई बार अपने आप फूल भी जाते हंै या फिर फफूंदी के निशान पड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति यानि लकड़ी के दरवाजे को मानसून में खराब होने से बचाने के लिए इसकी ऑयलिंग या वैक्सिंग का सहारा आपको लेना चाहिए। जिसकी मदद से काफी हद तक दरवाजे को खराब होने से बचाया जा सकता है। आप दरवाजे की ऑयलिंग के लिए जैतून का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रहे ऑयलिंग करने से दरवाजा जाम भी नहीं होगा।
सफाई में पानी का इस्तेमाल न करें
अधिकांश तौर पर देखा जाता है कि घर के दरवाजों, खिड़कियों, कुर्सियों आदि चीजों की सफाई क्लीनिंग ब्रश या कपड़े को पानी में भिगोकर लोगों द्वारा की जाती है। ऐसे में यदि आप ऐसी गलती मानसून के समय करते हैं तो इससे आपका दरवाजा खराब हो सकता है। ऐसे में यदि आप मानसून के मौसम में भी लकड़ी के दरवाजे की सफाई करना चाहते हैं तो आप कपड़े को बिना गीला किए इसको साफ करें। यहां आप किसी दाग को हटाने के लिए कपड़े में एसेंशियल ऑयल को डालकर भी इन चीजों को साफ कर सकते हैं।
ये भी है खास
बारिश के मौसम में लकड़ी के दरवाजे सहित अन्य चीजों को नमी या फफूंदी से दूर रखने के लिए आप जैतून का तेल या सिरके का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही दरवाजे पर पर्याप्त मात्रा में हवा और धूप लगने दें। साथ ही इस सीजन में लकड़ी के दरवाजे के कोने, निचले और पिछले भाग को सप्ताह में कम से कम दो बार जरूर साफ करें।