त्वचा की सूखापन और झुर्रियां (Skin dryness and wrinkles)
जब शरीर में पानी की कमी होती है, तो इसका सीधा असर त्वचा पर पड़ता है। सूखी त्वचा की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जो खिंचाव, खुजली और असहजता का कारण बनती है। अधिक संवेदनशील त्वचा बाहरी तत्वों से अधिक प्रभावित होती है। हाइड्रेशन की कमी से त्वचा की इलास्टिसिटी (लचक) कम हो जाती है, जिससे झुर्रियां और महीन रेखाएं जल्दी बनती हैं। त्वचा की खोई हुई नमी और तेल की कमी से त्वचा का स्वरूप ठंढ़ा और थका हुआ लग सकता है।त्वचा की चमक में कमी (Loss of skin glow)
जब त्वचा हाइड्रेटेड नहीं होती, तो उसकी प्राकृतिक चमक और रंगत खो जाती है। डिहाइड्रेशन से स्किन की नामी खत्म हो जाती है और थकी-थकी सी नजर आती है, जिससे आपकी सुंदरता प्रभावित होती है।हाइड्रेशन की कमी से त्वचा में रक्त संचार प्रभावित हो सकता है, जिससे त्वचा की रंगत भी प्रभावित होती है। त्वचा का प्राकृतिक निखार और ल्यूमिनेंस कम हो जाता है।त्वचा की संवेदनशीलता और रैशेज (Skin sensitivity and rashes)
सूखी और निर्जल त्वचा बाहरी तत्वों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है। इस स्थिति में त्वचा जल्दी रिएक्ट कर सकती है, जिससे त्वचा पर रैशेज, खुजली और जलन हो सकती है। हाइड्रेशन की कमी से त्वचा की सुरक्षा बाधित होती है, जिससे संक्रमण और अन्य त्वचा समस्याएं हो सकती हैं। त्वचा की नमी और प्राकृतिक तेल की कमी से बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन्स का खतरा बढ़ जाता है।त्वचा की स्वाभाविक मरम्मत क्षमता में कमी (Decrease in the skin’s natural repair ability)
त्वचा की हाइड्रेशन की कमी से उसकी क्योर की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। यदि त्वचा को पर्याप्त नमी नहीं मिलती, तो कट, घाव या अन्य त्वचा समस्याएं ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।हाइड्रेशन की कमी से त्वचा उत्पादों के पोषक तत्व और सक्रिय तत्व ठीक से अवशोषित नहीं हो पाते। इससे स्किनकेयर उत्पादों की प्रभावशीलता कम हो जाती है। इसे भी पढ़ें – Actress Sharvari Wagh की रेडिएंट स्किन का राज जानें और उनकी स्किनकेयर टिप्स को अपनाएं इसे भी पढ़ें – Glowing skin के लिए अपनाएं ये 5 न्यूट्रिशनल मंत्र, क्या करें, क्या न करें