स्थानीय फर्म ने जीती डिजायन प्रतियोगिता
इस संग्रहालय का नायाब ढांचा तैयार करने के लिए दुबई प्रशासन ने इंजीनियरों के लिए एक खास प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इस में जीतने वाले इंजीनियरिंग फर्म को ही बिल्उिंग का डिजायन बनाने का मौका मिलता। 2015 में आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में वहां की स्थानीय फर्म किल्ला डिजायन ने बाजी मार ली। उनके बनाए डिजायन को चुन लिया गया। इसे बनाने वाली कंपनी के आर्किटेक्ट्स का दावा है कि बिल्डिंग का ठोस हिस्सा ‘ज्ञान’ को और खाली स्थान हमारी उस जानकारी को दर्शाता है जो अभी भविष्य के गर्भ में है।
इस संग्रहालय का नायाब ढांचा तैयार करने के लिए दुबई प्रशासन ने इंजीनियरों के लिए एक खास प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इस में जीतने वाले इंजीनियरिंग फर्म को ही बिल्उिंग का डिजायन बनाने का मौका मिलता। 2015 में आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में वहां की स्थानीय फर्म किल्ला डिजायन ने बाजी मार ली। उनके बनाए डिजायन को चुन लिया गया। इसे बनाने वाली कंपनी के आर्किटेक्ट्स का दावा है कि बिल्डिंग का ठोस हिस्सा ‘ज्ञान’ को और खाली स्थान हमारी उस जानकारी को दर्शाता है जो अभी भविष्य के गर्भ में है।
यह संग्रहालय करीब 78 मीटर ऊंचा है। इसमें लगी LED LIGHTS की रोशनी को 14 किमी दूर से भी देखा जा सकेगा। यह दुबई में बना अब तक का सबसे जटिल प्रोजेक्ट है। इतना ही नहीं मशीनी इंजीनियर की बनाई यह बिल्उिंग पूरी तरह से ECO FRIENDLYऔर पर्यावरण को ध्यान में भी रखकर बनाई गई है।
यह बिल्डिंग इसलिए भी महत्तवपूर्ण है क्योंकि यह 20 अक्टूबर 2020 से वल्र्ड एक्सपो की मेजबानी करेगी।
संग्रहालय की बिल्डिंग को अंडाकार रूप में बनाया गया है। संग्रहालय के कार्यकारी निदेशक लथ कार्लसन ने बताया कि यह म्यूजियम अपने रूप और आकार के साथ तकनीक के लिए भी दुनिया के सभी संग्रहालयों में अलग पहचान बनाएगा।
संग्रहालय की बिल्डिंग को अंडाकार रूप में बनाया गया है। संग्रहालय के कार्यकारी निदेशक लथ कार्लसन ने बताया कि यह म्यूजियम अपने रूप और आकार के साथ तकनीक के लिए भी दुनिया के सभी संग्रहालयों में अलग पहचान बनाएगा।